Shah Rukh Khan: एक समय था जब अंडरवर्ल्ड का बॉलीवुड पर काफी कब्जा रहता था. कई सितारों को जान से मारने की धमकी मिलती थी तो कई फिल्म डर के मारे साइन कर दिया करते थे. इन्ही सब बातों को लेकर बॉलीवुड के मेगास्टार शाहरुख खान का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वह अपने संघर्ष के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं.
वीडियो में शाहरुख खान किसी से बात करते हुए कह रहे हैं, “हिंदी फिल्म इंडस्ट्री सबसे आसान इंडस्ट्री है. हम दुनिया में फिल्मों के सबसे बड़े निर्माता हैं.”शाहरुख ने बताया कि उन्हें एक फिल्म करने के लिए कहा गया था. जब उन्होंने पूछा कि निर्माता कौन है तो जवाब मिला, “यह वह आदमी है जिसे हम भेज रहे हैं. तुम उससे बात करो और फिल्म साइन करो.”उन्होंने कहा, “इसलिए अगर आपको जीवन का भय है, तो आप इस पर साइन कर देते हैं या यदि आप अपनी किस्मत को आजमाने के लिए तैयार हैं, तो आप इसे नकार देते हैं.”
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जाता है कि उनके मना करने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिली थीं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कभी धमकी दी गई थी, तो उन्होंने कहा, “ओह, हां, कई मौकों पर ऐसा हुआ है. मेरे पास तीन साल तक पुलिस की बड़ी सुरक्षा थी.”बॉलीवुड या हिंदी फिल्म उद्योग को आधिकारिक तौर पर 1998 में उद्योग का दर्जा दिया गया था. आपको बता दें, शाहरुख खान आखिरी बार ‘डंकी’ में नजर आए थे. फिलहाल वो ‘किंग’ की शूटिंग में बिजी हैं.
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खबरों की मानें तो उस वक्त अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम शाहरुख खान को एक फिल्म में हीरो के तौर पर लेना चाहता था, जिसमें उसने पैसा लगाया था. हालांकि, शाहरुख इसके लिए तैयार नहीं थे. शाहरुख ने उस वक्त जवाब देते हुए यह भी कहा था, “गोली मारनी है…मार दो पर मैं तुम्हारे कहने पर या तुम्हारे लिए काम नहीं करूंगा.”
शाहरुख खान के बारे में ये जानकर फैन्स ने एक्टर की तारीफ की थी. फैंस ने कहा था कि अब को उनके लिए 100 पर्सेंट इज्जत और बढ़ गई है. वहीं, कुछ डायरेक्टर से सबूत मांग रहे हैं कि इस बात का सोर्स क्या है. जैसा कि ये बात जाहिर है कि 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड का इंडस्ट्री पर कितना दबदबा था. प्रीति जिंटा से लेकर सुनील शेट्टी तक, इस मुसीबत से जूझ चुके हैं. अब इसमें शाहरुख खान का भी नाम जुड़ चुका है, जिन्होंने बिना डरे उनका सामना किया है.
सुषमा स्वराज ने अटल बिहारी वाजपेयी की लीडरशिप वाली सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य किया था. उन्होंने साल 1998 में फिल्म प्रोडक्शन को ‘उद्योग का दर्जा’ दिया, जिससे फिल्म इंडस्ट्री को वैध बनाया गया और इसे वित्तीय संस्थानों से लोन लेना आसान हो गया. इसने अनुचित ब्याज दरों और पैसे के संदिग्ध स्रोतों को समाप्त कर दिया, जिसमें बिल्डरों, ज्वैलर्स और व्यापारियों और अंडरवर्ल्ड सहित अनेक बिजनेसमैन शामिल थे.
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