देश

1984 सिख विरोधी दंगा: मृतक की पत्नी ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट में दर्ज कराया अपना बयान

वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगे के एक मामले में एक मृतक की पत्नी ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. गवाह लखविंदर कौर ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल की अदालत को बताया कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने उन्हें जानकारी दी थी कि टाइटलर एक वाहन में घटनास्थल पर आए थे और उन्होंने भीड़ को उकसाया था. न्यायाधीश ने आगे की सुनवाई के लिए मामले को 15 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी.

यह मामला उत्तरी दिल्ली के पुल बंगश इलाके का है जिसमें तीन सिखों की हत्या कर दी गई थी. उस दौरान गुरुद्वारे में आग भी लगा दी गई थी. यह घटना 1 नवंबर, 1084 का है. एक मृतक बादल सिंह की पत्नी कौर ने अदालत से कहा कि वर्ष 2008 में उनकी मुलाकात गुरुद्वारे में काम करने वाले सुरेन्द्र सिंह ग्रंथी से हुई थी. उन्होंने गुरुद्वारे की छत से यह घटना देखी थी. उन्होंने ही उसे घटना के बारे में बताया था. कौर ने अपने बयान में कहा कि ग्रंथी के अनुसार उसके पति बादल सिंह को उन्होंने गुरुद्वारे से बाहर निकलते देखा था. भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और उनकी कृपाण को निकालकर उसी से उनकी हत्या कर दी. ग्रंथी ने यह भी बताया कि टाइटलर एक वाहन में घटनास्थल पर आए थे और उन्होंने सभी को वहां इकट्ठा किया था.

गवाह कौर ने यह भी कहा कि ग्रंथी ने उन्हें बताया कि भीड़ ने टाइटलर के उकसावे पर हिंसा की और उसके पति की हत्या करने के बाद उनके शव को एक गाड़ी में रखा गया और उसके ऊपर जलते हुए टायर डालकर उसे जला दिया गया. फिर उन्होंने जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. टाइटलर के वकील ने कौर के बयान का विरोध किया और कहा कि ग्रंथी का बयान अफवाह है. उसे बतौर सबूत स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है. न्यायाधीश ने इस दावे को खारिज कर दिया.

ये भी पढ़ें- मनी लॉन्ड्रिंग मामला: दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली हाई कोर्ट से की ‘डिफ़ॉल्ट जमानत’ की मांग

अदालत ने 30 अगस्त कोटाइटलर (80) के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 109 (उकसाना), 147 (दंगा), 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढावा देना) और 143 (गैरकानूनी सभा) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. साथ ही कहा था कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त आधार हैं. टाइटलर के खुद को निदरेष बताने के बाद अदालत ने 13 सितंबर को उनके खिलाफ आरोप तय किए थे. सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसारटाइटलर ने 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा, आजाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को उकसाया और भड़काया था. उसके बाद गुरुद्वारा को जला दिया गया था और तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह व गुरचरण सिंह की हत्या कर दी गई थी. टाइटलर गुरुद्वारे के सामने एक सफेद एम्बेसडर कार से बाहर आए और ‘सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी मां को मार डाला है’ के नारे लगाकर भीड़ को उकसाया था.

-भारत एक्सप्रेस 

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

Virat Kohli अगर शांत रहें और अपनी गति से खेलें, तो वे ठीक रहेंगे: शास्त्री

कोहली बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के पांच घरेलू टेस्ट मैचों में सिर्फ एक…

6 hours ago

आयोग के फैसले से छात्रों में खुशी की लहर, कहा-‘हम जानते थे कि सीएम योगी हमारे पक्ष में खड़े होंगे’

यूपीपीएससी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रतियोगी छात्रों की मांगों को ध्यान में…

7 hours ago

लश्कर-ए-तैयबा के लिए कथित तौर पर धन जुटाने के मामले में आरोपी जावेद अली को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत

अली को नवंबर 2019 में लश्कर के एक ऑपरेटिव शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान…

8 hours ago

उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में देवांगना कलीता की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किया

फरवरी 2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के साथ ही नागरिकता…

8 hours ago

सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद परिजनों की पिटाई मामले में चार पुलिसकर्मी निलंबित, थाना प्रभारी लाइन हाजिर

मध्य प्रदेश में शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि कोतवाली के…

8 hours ago

गुजरात: सूरत में तेंदुए को सुनाई गई उम्र कैद की सजा

सूरत जिले में फिलहाल तेंदुओं की संख्या 150 पर पहुंची है. बीते छह महीने में…

8 hours ago