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Uttrakhand विधानसभा में हुई 250 नियुक्तियां रद्द, जानिए क्या था मामला?

उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी हैं. इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं भर्तियां शामिल हैं. वहीं, विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दिया गया है.

शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में एक प्रेस वार्ता बुलाई उन्होंने बताया कि विधानसभा में हुईं भर्तियों की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. इस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने 2016 में हुईं 150 नियुक्तियां, 2020 में हुईं छह तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 नियुक्तियां और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द कर दी हैं. उन्होंने बताया कि समिति ने अपनी जांच में पाया कि इन भर्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया है. न विज्ञप्ति निकाली और न आवेदन मांगे, इस प्रक्रिया में संविधान के अनुच्छेद-14 और अनुच्छेद-16 का उल्लंघन किया गया है.

कुंजवाल, अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं भर्तियां

2016 की जो 150 भर्तियां रद्द की गई हैं, वह कांग्रेस सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में की गई थीं. 2020 की 6, 2021 की 72 व 22 उपनल की भर्तियां बीजेपी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं.

2011 से पहले की भर्तियों पर विधिक राय के बाद कार्रवाई

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 2011 से पहले विधानसभा में जो नियुक्तियां की गई थीं, वह कर्मचारी नियमित हो चुके हैं. उनकी नियुक्ति कैसे हुई, नियमितिकरण कैसे किया गया, पदोन्नतियां कैसे हुईं, इस पर विधिक राय लेने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.

2021 में निकली 32 पदों की भर्ती भी रद्द

विधानसभा में तत्कालीन विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में वर्ष 2021 में 32 पदों पर भर्तियां की गई थीं. 20 मार्च को इनकी परीक्षा आयोजित की गई थी. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि यह भर्तियां यूकेएसएसएससी में पेपर लीक की आरोपी कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन ने करवाई थी. इसका परिणाम अभी जारी नहीं हुआ है. बताया कि इनमें जांच समिति ने वित्तीय अनियमितता भी पाई है. इसलिए इसे भी रद्द कर दिया गया हैं. इस मामले में बिल जमा करने के दो दिन के भीतर 59 लाख के भुगतान पर विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. वहीं उन्होंने कहा कि इस भर्ती के आवेदकों का शुल्क या तो लौटाया जाएगा, या फिर दोबारा परीक्षा होने की स्थिति में शुल्क नहीं लिया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

 

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