नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग, लोकसभा सचिवालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में 6 जनवरी 2025 को संसद भवन के संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में “पंचायत से पार्लियामेंट” कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 22 राज्यों से पंचायती राज संस्थाओं की लगभग 500 निर्वाचित जनजातीय महिलाएं भाग लेंगी.
यह आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में हो रहा है. इस मौके पर देशभर से आई जनजातीय महिला प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाना, उनके सशक्तिकरण और विकास में नई ऊर्जा भरने का प्रयास है.
“पंचायत से पार्लियामेंट” कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि ये निर्वाचित महिला प्रतिनिधि लोकतंत्र और संविधान को नज़दीक से समझें. जब ये महिलाएं संसद भवन का दौरा करेंगी, तो उन्हें न केवल नई प्रेरणा मिलेगी, बल्कि वे अपने गांव और क्षेत्र के विकास में और बेहतर ढंग से योगदान कर पाएंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के संकल्प को साकार करने में महिलाओं की भूमिका को प्रमुख बताया गया है.
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लागू होने के बाद यह कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है. इसे महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने और उनकी क्षमता को पहचानने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है. ऐसे कार्यक्रम महिलाओं को नई पहचान देने के साथ ही उनकी कार्यक्षमता को भी बढ़ाते हैं.
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कार्यक्रम की खास बात यह है कि सभी 500 महिला प्रतिनिधि राष्ट्रपति भवन में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगी. राष्ट्रपति जी इन महिलाओं के साथ संवाद कर उनका मार्गदर्शन करेंगी.
इस कार्यक्रम के दौरान महिला प्रतिनिधियों को लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर समेत कई सांसदों से मार्गदर्शन प्राप्त होगा. यह कार्यक्रम न केवल जनजातीय महिला प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह देश के विकास की नई गाथा लिखने में महिला नेतृत्व के महत्व को भी रेखांकित करता है.
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