बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने रविवार को दावा किया कि उसकी ‘फिदायी यूनिट’ मजीद ब्रिगेड ने शनिवार को बलूचिस्तान के तुर्बत के पास एक पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया. हमले में 47 कर्मियों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए.
‘द बलूचिस्तान पोस्ट’ की रिपोर्ट में ग्रुप के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि हमला तुर्बत शहर से लगभग आठ किलोमीटर दूर बेहमान इलाके में शाम करीब 5:45 बजे हुआ. जीयंद ने कहा कि हमले का टारगेट 13 वाहनों का काफिला था, जिसमें पांच बसें और सात सैन्य वाहन शामिल थे, जो कराची से तुर्बत में फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) मुख्यालय जा रहे थे.
आखिर यह बीएलए क्या है जिसने न सिर्फ पाकिस्तान को बड़ी टेंशन दे दी है. क्या है इसका इतिहास और क्या है इसकी मांगे? बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जिसे बलूच लिबरेशन आर्मी के नाम से भी जाना जाता है, एक बलूच जातीय राष्ट्रवादी उग्रवादी संगठन है.
माना जाता है कि यह ग्रुप मुख्य रूप से दक्षिणी अफगानिस्तान में क्रेंदित है और यहीं से यह पड़ोसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हमले करता है. यह अक्सर पाकिस्तान सशस्त्र बलों, नागरिकों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता है.
बीएलए का मकसद का बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद करना है. यह पाकिस्तानी सरकार पर बलूचिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएलए को बलूचिस्तान में सक्रिय सबसे बड़ा सशस्त्र समूह माना जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि बीएलए के कई हजार सदस्य हैं.
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) 20 साल से अधिक समय से सक्रिय है और ज्यादातर छोटे हमले करता रही है लेकिन पिछले कुछ महीनों में इसने पाकिस्तान में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है. ‘द बलूचिस्तान पोस्ट’ के मुताबिक वर्ष 2024 में बलूचिस्तान में हिंसक गतिविधियों में तीव्र वृद्धि देखी गई क्योंकि ‘स्वतंत्रता समर्थक उग्रवादी समूहों ने पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ अपने अभियान तेज कर दिए.
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ), बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) और अन्य संगठनों ने कथित तौर पर सैन्य बलों, बुनियादी ढांचे और राज्य सहयोगियों को निशाना बनाकर सैकड़ों हमले किए. सामूहिक रूप से, इन ग्रुप्स ने 938 हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप 1002 से अधिक मौतें, 689 घायल और कम से कम 546 संपत्ति को नुकसान पहुंचा.
2024 में बीएलए सबसे सक्रिय ग्रुप बना रहा, जिसने 302 हमले किए, जिनमें कथित तौर पर 580 से ज्यादा लोगों की मौत हुई जबकि 370 से अधिक घायल हुए. कम से कम 171 हमलों में संपत्ति को नुकसान पहुंचा. ग्रुप ने 21 जिलों में 240 क्षेत्रों में ऑपरेशन करने का दावा किया. रिपोर्ट के मुताबिक इसके करीब 52 लड़ाके मारे गए जिनमें से अधिकतर मजीद ब्रिगेड के थे. मजीद ब्रिगेड हाई-प्रोफाइल आत्मघाती अभियानों को अंजाम देती है.
यह भी पढ़ें- T का मतलब होता है टेररिज्म, भारत ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, चीन को भी लताड़ा
बीएलए ने कहा कि मजीद ब्रिगेड ने 2024 में छह बड़े ऑपरेशन किए, जिससे कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान हुआ. बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है.
-भारत एक्सप्रेस
सुप्रीम कोर्ट ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. जिस याचिका…
महिला शिकायतकर्ता के अनुसार वह जब घर पर अकेली थी, तब आरोपी चंचल चौधरी घर…
दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) और अन्य बिजनेस स्कूलों में प्रवेश के…
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2021 में लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए IED ब्लास्ट मामले…
मार्च 2023 से जस्टिस के विनोद चंद्रन पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में…
प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू होते ही देशभर से श्रद्धालु संगम में पुण्य अर्जित…