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IC 814 विमान के पायलट 40 साल की सेवा के बाद रिटायर, कंधार अपहरण का अनुभव शेयर किया

Kandahar Hijack India Airlines Flight IC 814: दिसंबर 1999 में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान IC 814 के पायलट कमांडर कैप्टन देवी शरण (Captain Devi Sharan) रिटायर हो गए हैं. 1985 में तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस में शामिल होने वाले यह बेहतरीन पायलट ने 40 साल बिताने के बाद रिटायर हुआ.

भयावह पलों को याद किया


विमान अपहरण के भयावह पलों को याद करते हुए कैप्टन शरण ने कहा कि इस घटना ने उन्हें सिखाया कि जीवन अप्रत्याशित है और हमें हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. कैप्टन शरण ने रविवार (5 जनवरी) को कहा, ‘IC 814 अपहरण ने मुझे सिखाया कि जीवन बहुत अप्रत्याशित है और किसी को हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. वे मेरे जीवन के सबसे कठिन दिन थे और मेरा एकमात्र उद्देश्य उस विमान में सवार सभी लोगों की जान बचाना था. मैं आशा करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि कोई भी चालक दल का सदस्य, यात्री या कोई भी अन्य व्यक्ति उन क्षणों को दोबारा न दोहराए.’

जब लीबिया के गृह युद्ध में फंस गए थे

उन्होंने कहा कि वह अगले एक साल दुनिया भर में लंबी उड़ानों की एक श्रृंखला में सवार होने की तैयारी कर रहे हैं, जो उन्हें अंटार्कटिका और साइबेरिया सहित अन्य स्थानों पर ले जाएगी. कंधार विमान अपहरण की घटना ही एकमात्र ऐसी घटना नहीं थी, जब इस पायलट और तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस के कुछ अन्य लोगों को खतरे का सामना करना पड़ा था. कैप्टन एसपीएस सूरी के साथ मिलकर उन्होंने 12 साल बाद एक बार फिर खतरे का सामना किया था. इस बार वे दोनों और उनके केबिन क्रू सदस्य लीबिया में फंस गए, गृह युद्ध के दौरान जहां शहर की सड़कों पर एके 47 लिए युवकों ने उनका पीछा किया. सौभाग्य से वे सभी सुरक्षित बच गए थे.

करनाल से उड़ान का प्रशिक्षण

कैप्टन शरण ने 1984 में करनाल से उड़ान का प्रशिक्षण लिया और उसके अगले साल उन्हें तत्कालीन इंडियन एयरलाइंस द्वारा चुना गया. उन्होंने बोइंग 737-200 से शुरुआत की, फिर एयरबस A320 और A330 (जिनमें से एक को कंधार में अपहरण कर लिया गया था) का संचालन किया. एयर इंडिया के साथ विलय के बाद उन्होंने A330 और फिर B787 ड्रीमलाइनर उड़ाया. पायलट के रूप में उनकी अंतिम उड़ान 4 जनवरी 2024 को मेलबर्न से दिल्ली तक ड्रीमलाइनर का संचालन करना था. इस उड़ान के चालक दल ने उन्हें विशेष विदाई दी.

अब करेंगे ये काम

कैप्टन शरण ने सहकर्मियों को भेजे एक मेल में कहा, ‘एक युवा लड़के के समान उत्साह के साथ, जो कभी इस एयरलाइन में शामिल हुआ था, अब मैं पन्ने पलटता हूं और अपने जीवन के स्वर्णिम वर्षों की शुरुआत करता हूं.’ अपने एक साल के विश्व दौरे के बाद कैप्टन शरण करनाल में खेती करने की योजना बना रहे हैं और हो सकता है कि वे एआई द्वारा बनाई जा रही मेगा प्रशिक्षण सुविधा में भी शामिल हों.

क्या हुआ था


मालूम हो कि 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. 191 यात्रियों को लेकर यह विमान नेपाल के काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भर रहा था. उड़ान भरने के तुरंत बाद यात्रियों के रूप में मौजूद पांच अपहरणकर्ताओं ने विमान पर कब्जा कर लिया. बाद में इसे अफगानिस्तान के कंधार ले जाने से पहले अमृतसर, लाहौर और दुबई में कई जगहों पर उतारा गया.

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार को विमान के बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तीन खूंखार आतंकवादियों – मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर – को भारतीय जेलों से रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. रिपोर्टों के अनुसार, तालिबान अधिकारियों ने अपहरणकर्ताओं और रिहा किए गए आतंकवादियों को पाकिस्तान पहुंचने में मदद की थी.

-भारत एक्सप्रेस

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