छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के पत्रकार और यूट्यूबर मुकेश चंद्राकर की हत्या के मुख्य संदिग्ध सुरेश चंद्राकर को राज्य की बीजापुर पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने रविवार (5 जनवरी) रात हैदराबाद में गिरफ्तार किया, पुलिस ने इसकी पुष्टि की.
बस्तर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरेश के भाई रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र को शनिवार (4 जनवरी) को गिरफ्तार किया गया था. अधिकारी ने कहा, ‘रितेश को रायपुर से गिरफ्तार किया गया, जबकि दिनेश और महेंद्र को बीजापुर से हिरासत में लिया गया.’ उन्होंने कहा कि हैदराबाद में आगे की तलाशी ली जा रही है. अधिकारी ने कहा, ‘हम अभी गिरफ्तारी के बारे में और जानकारी नहीं दे सकते, क्योंकि इससे मामले से जुड़े अन्य लोग सतर्क हो सकते हैं.’
नए साल के पहले दिन 33 वर्षीय पत्रकार मुकेश चंद्राकर के लापता होने की रिपोर्ट उनके भाई युगेश ने दर्ज कराई थी. उन्होंने रायपुर में एक सहकर्मी को बताया था कि वे एक स्थानीय ठेकेदार से मिलने जा रहे हैं. दो दिन बाद 3 जनवरी को उनका शव बीजापुर के चट्टनपारा बस्ती में सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से जुड़े परिसर में एक सेप्टिक टैंक में मिला था. पुलिस को टैंक कंक्रीट की स्लैब से हाल ही में बंद किया हुआ मिला.
ठेकेदार के खिलाफ की थी रिपोर्ट
मुकेश ने कुछ दिन पहले ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के खिलाफ एक रिपोर्ट की थी, जिसमें बस्तर में 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना में कथित अनियमितताओं का खुलासा हुआ था. इस खुलासे के बाद सरकार ने ठेकेदार की गतिविधियों की जांच शुरू कर दी थी. पुलिस ने बताया कि अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें सुरेश चंद्राकर के भाई दिनेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर शामिल हैं. सुरेश फरार हैं. पुलिस ने बताया कि ठेकेदार के लोगों सहित कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है.
बस्तर पुलिस ने पुष्टि की है कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर इस मामले के मुख्य आरोपी हैं. मुकेश चंद्राकर कई राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स के लिए कॉन्ट्रिब्यूटर का भी काम करते थे. हाल ही में बीजापुर में सड़क निर्माण घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद स्थानीय ठेकेदारों की आधिकारिक जांच शुरू हुई थी. पुलिस को संदेह है कि उनकी हत्या सीधे उनके खुलासे से जुड़ी हुई है. पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने इससे पहले अप्रैल 2021 में टेकुलगुडा नरसंहार के बाद माओवादियों द्वारा अपहृत एक कोबरा कमांडो की रिहाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें 29 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गंभीर खुलासे
पत्रकार के पोस्टमॉर्टम से पता चला कि यह जघन्य हत्या थी, जिसमें उनके सिर पर 15 फ्रैक्चर थे. उनकी गर्दन टूटी हुई थी और उनका दिल निकाल लिया गया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 28 वर्षीय पत्रकार का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने पाया कि उनके लिवर चार टुकड़ों में मिला, पांच पसलियां टूटी हुई थीं, सिर में 15 फ्रैक्चर थे, गर्दन टूटी हुई थी और दिल बाहर निकाला हुआ था. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने 12 साल के करिअर में ऐसा मामला नहीं देखा था. डॉक्टरों के अनुसार हत्या के आरोपियों की संख्या 2 से अधिक रही होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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