Acharya Pramod Krishnam: संभल स्थित श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम का 60वां जन्मदिन धूमधाम से मना. इस अवसर पर शनिवार, 4 जनवरी को अनेक संत-महात्माओं ने कल्कि धाम ऐचोड़ा कंबोह में पहुंचकर उन्हें जन्मदिन की बधाइयां दीं. कई राजनेताओं ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी.
हरियाणा कांग्रेस के लोकप्रिय नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा, जो 5 बार सांसद रह चुके हैं, ने भी कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को जन्मदिन की बधाई दी. दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X.com पर अपने पोस्ट में लिखा, “कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं! ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की प्रार्थना करता हूं. जय श्री कल्कि धाम!”
इसी प्रकार राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने भी मीडिया प्लेटफॉर्म X.com पर कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को जन्मदिन की बधाई दी. उन्होंने लिखा, ‘कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं. ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की प्रार्थना करता हूं. जय श्री कल्कि धाम!”
आचार्य प्रमोद कृष्णम के जन्मदिन के मौके पर शनिवार को अनेक संत महात्माओं ने संभल और सनातन विषय पर चिंतन-मनन और मंथन भी किया. कई संत महात्माओं ने सनातन धर्म के बारे में विस्तार पूर्वक बताया. इस अवसर पर भाजपा नेता सुनील भराला (Sunil Bharala) ने कहा कि हमने भी कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को कल्कि धाम पहुंचकर जन्मदिन की बधाई दी एवं महाकुंभ में राष्ट्रीय परशुराम परिषद के महाशिविर के लिए आमंत्रित किया. हमने उन्हें भगवान परशुराम की मूर्ति भी भेंट की.
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम हिंदू समाज में धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक सुधार के लिए एक प्रेरणास्त्रोत माने जाते हैं. उनका जीवन इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे सही मार्गदर्शन से समाज को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और साधना से कल्कि धाम को एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित कराया है. वे अपनी शिक्षाओं के माध्यम से मानवता, प्रेम, और सत्य का प्रचार करते हैं. उनका उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और जीवन के उच्चतम आदर्शों को सिखाना है. उनके जन्मदिन के अवसर पर, भक्तगण और अनुयायी उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं. इस दिन विभिन्न धार्मिक आयोजन, कीर्तन, प्रवचन और भंडारे का आयोजन किया जाता है.
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