अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, इसके पहले इस साल के आखिर में कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी होंगे. जिसे देखते हुए राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने हिसाब से मुद्दों को उछालने में लगी हुई हैं. इसी बीच पीएम मोदी के यूसीसी पर दिए गए बयान को लेकर सियासी हंगामा मचा हुआ है. पीएम मोदी की तरफ से सिविल कोड की वकालत करने के बाद विपक्ष से लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. यूसीसी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बैठक आयोजित की. जिसमें यूसीसी से जुड़े पहलुओं पर मंथन किया गया. ये बैठक करीब तीन घंटे तक चली.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया है कि सिविल कोड को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही बोर्ड से जुड़े लोग लॉ कमीशन के अध्यक्ष से भी मिलने का समय मांगेंगे. अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपना ड्राफ्ट कमीशन को सौंपेगा. बताया जा रहा है कि इस ड्राफ्ट में शरीयत के कुछ जरूरी हिस्सों को भी इसमें शामिल किया गया है. जिसका जिक्र इसमें किया गया है. साथ ही ड्राफ्ट में पीएम मोदी के भोपाल में दिए गए यूसीसी पर बयान को भी शामिल किया गया है.
वहीं पीएम मोदी के बयान पर पूरा विपक्ष हमलावर हो गया है. असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के बयान पर हमला बोलते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री इस सिविल कोड के जरिए हिंदू सिविल कोड की बात कर रहे हैं, जिससे वह पूरे इस्लामिक प्रैक्टिस को गैर-कानूनी करार दे सकें और उन पर रोकथाम लगा सकें. ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी से ये भी पूछा था कि क्या आप इस देश में प्लुरलिज्म और डायवर्सिटी को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 27 जून को भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि एक घर दो कानून से नहीं चलता तो फिर दोहरे कानून से देश कैसे चलेगा. संविधान में देश के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार दिए गए हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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