आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने शनिवार (21 सितंबर) को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली. उन्होंने अरविंद केजरीवाल की जगह ली जिन्होंने मंगलवार (17 सितंबर) को इस्तीफा दे दिया था. सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं.
आतिशी के अलावा सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और कैलाश गहलोत ने मंत्री पद की शपथ ली. नई सरकार में वे अपने पदों पर बने रहेंगे. इमरान हुसैन ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश अहलावत कैबिनेट में नए चेहरे हैं.
हालांकि आतिशी सरकार का कार्यकाल छोटा रहेगा, क्योंकि दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. 43 वर्षीय आतिशी को मंगलवार को विधायक दल का नेता चुना गया, इससे पहले केजरीवाल ने उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
आतिशी ने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मिली-जुली भावनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने कहा कि वह निवर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा उन पर जताए गए भरोसे से खुश हैं, लेकिन इस बात से भी दुखी हैं कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनावों के बाद केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी.
आतिशी ने कहा, ‘सबसे पहले मैं दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, आप के राष्ट्रीय संयोजक और मेरे गुरु अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करना चाहूंगी. उन्होंने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी और मुझ पर भरोसा किया. यह सिर्फ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ही हो सकता है कि कोई पहली बार राजनीति में आया व्यक्ति किसी राज्य का मुख्यमंत्री बन जाए. मैं एक साधारण परिवार से आती हूं. अगर मैं किसी और पार्टी में होती तो शायद मुझे चुनाव का टिकट भी नहीं मिलता.’
केजरीवाल के मंत्रिमंडल में वित्त, शिक्षा और राजस्व सहित 14 विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहीं आतिशी उन लोगों में से थीं, जिन्होंने जेल में रहने के दौरान भी केजरीवाल का कार्यभार संभाला था.
दिल्ली शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के कुछ दिनों बाद केजरीवाल ने बीते 15 सितंबर को इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
केजरीवाल ने कहा था, ‘मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. मैं हर घर और गली में जाऊंगा और जब तक जनता का फैसला नहीं आ जाता, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा.’
उन्होंने कहा था, ‘जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं सीएम पद पर नहीं बैठूंगा. चुनाव कुछ महीनों बाद हैं. अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार हैं, तो मुझे वोट दें, मैं चुनाव के बाद सीएम बनूंगा. अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार नहीं हूं, तो वोट न दें. आपका वोट मेरी ईमानदारी का प्रमाण पत्र होगा, तभी मैं सीएम पद पर बैठूंगा.’
उन्होंने कहा, ‘चुनाव फरवरी में होने हैं. मैं मांग करता हूं कि चुनाव महाराष्ट्र चुनाव के साथ नवंबर में कराए जाएं.’
-भारत एक्सप्रेस
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