देश

Ram Mandir: नई प्रतिमा के सामने रखी जाएगी रामलला की पुरानी मूर्ति, मंदिर ट्रस्ट ने बताई इसकी वजह

Ayodhya Pran Pratistha: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसी दिन भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. श्री राम की नई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित कर दी गई है. अब ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि भगवान श्री राम की पुरानी मूर्ति का क्या किया जाएगा. जिसको लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने जानकारी दी. उन्होंने मूर्ति को लेकर बताया कि इस प्रतिमा को रामलला की नई मूर्ति के सामने ही रखा जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के दिन इसे भी गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.

योगीराज की बनाई मूर्ति की होगी प्राण प्रतिष्ठा

गोविंद देव गिरि ने आगे बताया कि राम मंदिर के निर्माण में अब तक 1,100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं, काम पूरा करने के लिए 300 करोड़ रुपये की और आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अभी निर्माण पूरा नहीं हुआ है. पिछले सप्ताह राम मंदिर के गर्भगृह में 51 इंच की रामलला की मूर्ति रखी गई थी. भगवान राम की तीन मूर्तियों का निर्माण किया गया था, जिनमें से मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति को “प्राण प्रतिष्ठा” के लिए चुना गया है. उन्होंने ने कहा कि “बनाई गई अन्य दो मूर्तियों को भी पूरे आदर और सम्मान के साथ मंदिर में रखा जाएगा. एक मूर्ति ट्रस्ट के पास रखी जाएगी क्योंकि प्रभु श्री राम के वस्त्र और आभूषणों को मापने के लिए इसकी आवश्यकता होगी.”

नई प्रतिमा के सामने रखी जाएगी पुरानी मूर्ति

रामलला की मूल मूर्ति के बारे में गिरि ने कहा, “इसे रामलला के सामने रखा जाएगा. मूल मूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है. इसकी ऊंचाई पांच से छह इंच है और इसे 25 से 30 फीट की दूरी से नहीं देखा जा सकता है. इसलिए हमें एक बड़ी मूर्ति की आवश्यकता थी.” गोविंद देव गिरि ने कहा, ” मंदिर की एक मंजिल पूरी हो चुकी है और हम एक और मंजिल बनाने जा रहे हैं.” अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति के चयन पर गिरि ने कहा, “हमारे लिए तीन में से एक मूर्ति चुनना बहुत मुश्किल था. वे सभी बहुत सुंदर हैं, सभी ने हमारे द्वारा प्रदान किए गए मानदंडों का पालन किया.”

यह भी पढ़ें- Ayodhya Pran Pratishta: प्राण प्रतिष्ठा के बाद 10 लाख दीयों से जगमग होगी रामनगरी, सरयू नदी की मिट्टी से बने दीप बिखेरेंगे रोशनी

सभी मानदंडों को किया गया पूरा

उन्होंने कहा, “पहला मानदंड यह था कि चेहरा दिव्य चमक के साथ बच्चे जैसा होना चाहिए. भगवान राम “अजानबाहु” थे (एक व्यक्ति जिसकी भुजाएं घुटनों तक पहुंचती हैं), इसलिए भुजाएं इतनी लंबी होनी चाहिए.” श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने कहा कि अंग सही अनुपात में थे. बच्चे की नाजुक प्रकृति भी हमें दिखाई दे रही थी, जबकि आभूषण भी बहुत अच्छे और नाजुक ढंग से उकेरे गए थे. इससे मूर्ति की सुंदरता बढ़ गई.”

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

Recent Posts

भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम, 500 से बढ़कर 1.5 लाख पार हुई Startup की संख्या

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, "DPIIT से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 2016 में लगभग 500…

9 mins ago

2025 से 2030 के बीच हरित निवेश पांच गुना वृद्धि साथ पहुंचेगा 31 लाख करोड़: Crisil

इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2025 के दौरान क्रिसिल (Crisil) ने कहा कि भारत में 2025 से…

1 hour ago

Land For Job से संबंधित CBI से जुड़े मामले में राऊज एवेन्यु कोर्ट 30 जनवरी को सुनवाई करेगा

सीबीआई द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि भोला यादव लालू प्रसाद…

2 hours ago

Patna High Court के चीफ जस्टिस K Vinod Chandran सुप्रीम कोर्ट के जज बने, CJI ने दिलाई शपथ

जस्टिस के विनोद चन्द्रन को लेकर केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से सोमवार को अधिसूचना…

2 hours ago