Ayodhya Ram Mandir: भगवान राम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) में इन दिनों रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारी जोरों पर है. कार्यक्रम में शामिल होने वाले अतिथियों व भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नवस्थापित तीर्थक्षेत्रपुरम (बाग बिजैसी) में टिन का नगर बसाया जा रहा है, जिसमे छः नलकूप, छः रसोई घर और दस बिस्तरों वाला एक अस्पताल स्थापित किया जा रहा. इसमें देश भर के लगभग डेढ़ सौ चिकित्सकों ने क्रमिक सेवा के लिए अपनी स्वीकृति दी है. तो इसी के साथ ही आने वाले भक्तों को भोजन की कमी न पड़े, इसलिए शहर के हर कोने में लंगर, भोजनालय, भण्डारा, अन्नक्षेत्र का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए लोगों ने तैयारी भी कर ली है.
22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के हाथों मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) की जाएगी. कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जारी है. सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं. मंदिर ट्रस्ट ने राम भक्तों से 22 जनवरी को अपने-अपने घरों में दीप प्रज्ज्वलित करने की अपील की गई है. इसी के साथ देश भर के मंदिरों में कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए भी कहा गया और राम भक्तों को अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों में ही रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का लाइव कार्यक्रम देखने के लिए अपील की गई है. इसी के साथ ही 22 जनवरी के बाद ही भगवान रामलला के दर्शन करने के लिए आने के लिए कहा गया है. माना जा रहा है कि, रामलला की जब प्राण प्रतिष्ठा होगी तो देश के तमाम बड़े मंदिरों में पूजा अर्चना होगी और पूरा देश एकजुट हो जाएगा.
राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर मीडिया को जानकारी दी कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सभी परम्पराओं के साधु-सन्त के साथ ही किसी भी क्षेत्र में देश का सम्मान बढ़ाने वाले सभी प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है. इस मौके पर करीब चार हजार सन्तों को आमंत्रण भेजा गया है. हमारा प्रयास है कि सभी परम्पराओं के सन्त समारोह में शामिल हों. सभी शंकराचार्य महामण्डलेश्वर सिख और बौद्ध पंथ के शीर्ष सन्तों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया है. इसी के साथ ट्रस्ट ने ये भी जानकारी दी कि, रामलला की मूर्ति तीन मूर्तिकारों क्रमशः गणेश भट्ट, अरुण योगिराज, सत्यनारायण पांडेय द्वारा टियर की जा रही है, इनमें में से जो भी मूर्तिकार पांच वर्ष के बालक की कोमलता को उकेरने में सफल होगा, उसी की मूर्ति मंदिर में स्थापित करने के लिए चुनी जाएगी. प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का पूजन 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा. इसके लिए काशी के गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, लक्ष्मीकांत दीक्षित (कर्मकांड) पूजा सम्पन्न कराएंगे. मंदिर ट्रस्ट ने जानकारी दी कि, प्राण-प्रतिष्ठा पूजन के बाद 48 दिन की मंडल पूजा होगी जो विश्वप्रसन्न तीर्थ जी के नेतृत्व में होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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