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Bharat Express 1st Anniversary: 1 फरवरी…खबरों की दुनिया में वो तारीख, जो एक साल के भीतर एक तारीख बन गई

Bharat Express 1st Anniversary: कल क्या होगा कभी मत सोचो, क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे. इसी सोच के साथ देश के जाने माने पत्रकार उपेन्द्र राय ने आज ही के दिन, 1 फरवरी 2023 को भारत एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल की बुनियाद रखी थी. बीते एक साल के सफर में खबरों की आपा-धापी के बीच भारत एक्सप्रेस की लोकप्रियता ने वक्त की तस्वीर बदल दी. यही वो तारीख है जब बाजारू वादे से हटकर सत्य साहस और समर्पण की भावना के साथ दिल्ली के पांच सितारा होटल में भारत एक्सप्रेस चैनल की नींव रखी गई थी.

“मंजिलें क्या हैं…रास्ता क्या है…जब हौसला हो तो फिर फासला क्या है”

खबरों की दुनिया में खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती थी, लेकिन कहते हैं कि जब लक्ष्य बड़ा हो तो चुनौतियों की चिंता नहीं करते, इसी हौसले के साथ भारत एक्सप्रेस ने अपना सफर शुरू किया. जिसकी झलक भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेन्द्र राय के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी. चेयरमैन उपेन्द्र राय का कहना था कि मंजिलें क्या हैं…रास्ता क्या है…जब हौसला हो तो फिर फासला क्या है.

“ऐसी खबर करो कि मिसाल बन जाए….”

पत्रकारिता, राजनीति और फिल्म जगत की तमाम दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी में एक पत्रकार की साकार सोच आकार ले रही थी. भरोसा भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय पर था…और खबरों की भीड़ में कुछ अलग करने की उनकी सोच ने कुछ यही कहा कि “काम कुछ ऐसा करो कि पहचान बन जाए…आपका हर कदम एक निशान बन जाए…खबरों की भीड़ में खबर तो हर कोई बना लेता है…कुछ ऐसी खबर करो कि मिसाल बन जाए….”

सत्य साहस और समर्पण के फलसफे को फलीभूत करने की खातिर भारत एक्सप्रेस परिवार के कदम बढ़ चुके थे. सत्य और साहस के साथ खबरों के प्रति समर्पण से सरोकार रखते हुए आम लोगों से जुड़े मुद्दों से भारत एक्सप्रेस चैनल ने अपने कदम पत्रकारिता की दुनिया में बढ़ा दिए और थोड़े वक्त में भारत के हर एक कोने में अपनी तेज रफ्तार के साथ भारत एक्सप्रेस पहुंचने में कामयाब हो गया. खबरों के इस बाजार में जहां अप मार्केट खबरों को तरजीह देने का चलन है, वहां भारत एक्सप्रेस चैनल ने अप मार्केट और डाउन मार्केट खबरों की खाई को पाट दिया.

खोजी पत्रकारिता के कई आयाम तय किये

बता दें कि भारत एक्सप्रेस चैनल ने सत्य के रास्ते पर चलते हुए कभी फरेब से समझौता नहीं किया. सिस्टम में बैठे शातिरों को बेनकाब करने का साहस दिखाया और खबरों के प्रति इसी समर्पण का नतीजा था कि खोजी पत्रकारिता के कई आयाम तय किये. जिसमें ऑपरेशन पुष्पक के जरिए भ्रष्टाचारियों को बेनकाब किया.

एक साल के सफर में कई चुनौतियां आईं

ये सच है कि भारत एक्सप्रेस के लिए बीते एक साल के सफर के दौरान चुनौतियां बहुत आईं, लेकिन भरोसे की बुनियाद पर खड़ी खबरों की ये इमारत हर दिन बुलंद होती चली गई. बात इवेंट की हो या फिर बड़ी खबरों की भीड़ में अपनी पहचान बनाने की…भारत एक्सप्रेस हमेशा अलग सोच और जज्बे के साथ नज़र आया. बात जी 20 शिखर सम्मेलन की हो, तब भी भारत एक्सप्रेस खबरों के शिखर पर रहा.

एक साल के भीतर खबरों की दुनिया में अपनी पहचान बनाने का नतीजा ही था कि भारतीय जनता पार्टी के दीवाली मिलन समारोह में पत्रकारों की भीड़ में भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय न सिर्फ पहली कतार में नजर आए, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका अभिवादन भी स्वीकार किया.

भारत एक्सप्रेस चैनल ने न सिर्फ खबरों की दुनिया में अपनी पहचान बनाई, बल्कि आत्मीयता की वो मिसाल पेश की जो बदलते वक्त में हर किसी के लिए एक नजीर है. सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन की खबर यूं तो हर चैनल ने प्रसारित की, लेकिन भारत एक्सप्रेस ने अपने टीवी चैनल और वेबसाइट के माध्यम से जिस तरह सहारा श्री के लिए आत्मीय श्रद्धांजलि पेश की उसकी सराहना हर जगह हुई. इस दुख की घड़ी में भी भारत एक्सप्रेस के सीएमडी के व्यक्तित्व में भरोसा और भावना दोनों का समावेश नजर आया.

भारत एक्सप्रेस ग्राउंड जीरो का हीरो बना

जनता के बीच भरोसे के साथ-साथ सियासी खबरों से भी भारत एक्सप्रेस का न सिर्फ सरोकार रहा, बल्कि हर खबर को बेहतर अंदाज में पेश करने का हुनर दिखा. हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भारत एक्सप्रेस ग्राउंड जीरो का हीरो बना और सबसे सटीक खबरें दर्शकों तक तक पहुंचाकर मिसाल पेश की.

नव्य…दिव्य और भव्य अयोध्या के बनने का गवाह बना

इसके अलावा हर वक्त कुछ बेहतर करने की सोच और उस सोच को साकार करने का हुनर ही है कि अयोध्या मुद्दे पर पूरे देश में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क ने सर्वे कराया और 2024 के जनादेश को समझने की कोशिश की. जिसे जन-जन ने खूब सराहा. और जब सरकार के संकल्प के साकार होने की घड़ी आई…जब 500 सालों का इंतजार खत्म हुआ…राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हुई तब भारत एक्सप्रेस इकलौता चैनल था कि करीब डेढ़ महीने पहले से नव्य…दिव्य और भव्य अयोध्या के बनने का गवाह बना…सरकार के संकल्प से जब अयोध्या का कायाकल्प हो रहा था तो भारत एक्सप्रेस के लाखों करोड़ों दर्शकों को चैनल जरिए प्रभु राम की नगरी के दर्शन का सौभाग्य मिला. हर रोज अयोध्या से जुड़ी खबरों को प्रमुखता देना भारत एक्सप्रेस के उस सोच को भी दर्शाता है कि धर्म के मर्म को समझकर कर्म के जरिए कैसे खबरों में ढाला जा सकता है. जब अयोध्या में त्रेता युग का इतिहास दोहराया जा रहा था…उस वक्त भी भारत एक्सप्रेस के रिपोर्ट्स की एक बड़ी टीम अयोध्या के हर रंग को अपने कैमरे में कैद करने अवध में प्रभु श्री राम की बात करने को मौजूद रहे.

22 जनवरी को जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या पहुंचे उस वक्त भी भारत एक्सप्रेस ने लगातार अपने टीवी स्क्रीन के जरिए हर पल की तस्वीर जनता तक पहुंचाने का काम किया. इतना ही नहीं, उस ऐतिहासिक पल में खुद भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय अयोध्या में मौजूद रहे.

खबरों की भीड़ से हटकर सरकार के सरोकार के साथ जनता के हित की बात करने का प्रयास लगातार जारी है…वरिष्ठ पत्रकार और भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय की कोशिश यही है कि मीडिया समूह के सभी प्लेटफार्म को वक्त के हिसाब से जागृत करते हुए पत्रकारिता के नैतिक मुल्यों को जिंदा रखा जाए और यही वजह है कि टीवी के साथ साथ भारत एक्सप्रेस ने बीते एक साल में डिजिटल की दुनियां में भी डंका बजाया है.

सत्य साहस और समर्पण के फलसफे के साथ अब से ठीक एक साल पहले भारत एक्सप्रेस चैनल ने अपनी बुनियाद रखी थी. तब से लेकर आज तक चैनल और वेबसाइट के जरिए कुछ इसी अंदाज में आप तक खबरों को पहुंचाने का काम हो रहा है. हमारी कोशिश यही है कि हम दूसरे खबरिया चैनलों की तरह नूरा कुश्ती न करें, बल्कि खबरों की विश्वसनीयता बनाए रखना हमारा प्रमुख उद्देश्य है और कर्तव्य भी. हम आपसे वादा करते हैं कि भारत एक्सप्रेस और आपके बीच बीते एक सालों में जो भरोसे की मजबूत बुनियाद खड़ी हुई है वो आने वाले समय में और मजबूत होगी, साथ ही सत्य की राह पर चलते हुए साहस के साथ खबरों के प्रति हमारा समर्पण यूं ही बना रहेगा.

-भारत एक्सप्रेस

मुकुंद शाही, इनपुट एडिटर

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