UP News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब शहरों की सड़कों को न केवल सुविधाजनक और बेहतर बनाने जा रही है बल्कि सुरक्षित करने की भी तैयारी कर ली है. इसी के साथ ही सड़कों को अब पर्यावरण के अनुकूल विकसित किया जाएगा. इसके लिए सरकार ‘मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम-अर्बन’ (सीएम ग्रिड योजना-शहरी) नाम की एक नई योजना शुरू करने जा रही है. इसके तहत पहले चरण में 17 नगर निगम को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सबसे पहले निर्धारित नगर निगम के शहरों में 10 से 45 मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा और यहां कार्य पूरा होते ही नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी इस योजना को लागू कर दिया जाएगा. इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपये खर्च होगा. इस योजना से संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम ग्रिड योजना-शहरी के तहत बनने वाली सड़कों के साथ ही यूटीलिटी डक्ट, ग्रीन जोन, फुटपाथ, सौर आधारित स्ट्रीट लाइट तो होगी ही, साथ ही ईवी चार्जिंग स्टेशन, बस स्टॉप, सौंदर्यीकरण और पैदल यात्रियों के लिए सुविधाएं भी होंगी. बनने वाली इन सड़कों के साथ ही पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाएगा और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इसका निर्माण होगा. इस योजना के तहत कार्बन उत्सर्जन को कम करने का ध्यान रखते हुए कॉस्ट इफेक्टिव ग्रीन सड़कें बनाए जानें की योजना है. इसी के साथ ही सड़क सुधार, गड्ढा मुक्ति व अन्य मरम्मत के लिए बजट का अधिकतम 10 प्रतिशत खर्च करने की अनुमति दी जाएगी.
इस योजना के तहत पहले चरण में 17 नगर निगमों में सुविधाजनक सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत यूपी की राजधानी लखनऊ के साथ ही अलीगढ़, अयोध्या, कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, झांसी, गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली, फिरोजाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ, वाराणसी, मुरादाबाद, शाहजहांपुर और सहारनपुर में पहले चरण का काम होगा. फिर दूसरे चरण के तहत नगर पंचायत और पालिका परिषद की सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. जानकारी सामने आई है कि योजना के प्रावधान के मुताबिक निकायों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में अर्जित आय के आधार पर सड़कों के विकास के लिए सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा. इसका उपयोग निकायों द्वारा बुनियादी सड़कों के नेटवर्क को बेहतर करने में किया जाएगा.
योजना के मुताबिक बनाई जाने वाली शहरी सड़कों में टिकाऊ व आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर), रिक्लेंड डामर पेवमेंट्स (आरएपी), व्हाइट टॉपिंग, ऑर्टिफिशियल इंटेंसिफायर आदि जैसी आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल से सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. इसी के साथ बेहतर प्रयोग और विशिष्ट डिजाइन व मानकों के अनुरूप सड़कों को रि-डिजायन भी किया जाएगा.
बता दें कि कैबिनेट ने सुरक्षित सड़कों की नई योजना के साथ ही इसकी निगरानी और इसके क्रियान्वयन के लिए ‘शहरी सड़क अवसंरचना विकास एजेंसी’ (यूआरआईडीए) के गठन को भी मंजूरी दी है. मिली जानकारी के मुताबिक, इस एजेंसी के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आम सभा तो वहीं अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति का भी गठन किया जाएगा. यह एजेंसी सभी निकायों की सड़कों के डेटाबैंक की तैयार करने के साथ ही निकायों को वित्तीय और तकनीकी तौर पर सशक्त बनाने का भी काम करेगी. इसी के साथ योजना के तहत बनने वाली सड़कों पर नजर भी रखेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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