UP News: आबादी के मामले में देश के सबसे बड़े प्रदेश में सबसे आवश्यक एवं बुनियादी जरूरतों में से एक बिजली विभाग में कोई भी फैसला लेना उतना ही कठिन होता है जितना हिन्दी माध्यम का छात्र होकर पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास करना.
संयोग से इन दिनों उत्तर प्रदेश में ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए के शर्मा भी हिन्दी माध्यम से ही आईएएस बने थे और अपने विभागों को कैसे और अधिक जनसुलभ बनाया जाए उस दिशा में लगातार काम भी कर रहे हैं. वैसे भी ए के शर्मा को उनके बेहतरीन कार्यशैली के लिए जाना जाता है ऐसे में सूबे की जनता को उनसे उम्मीदें भी ज्यादा हैं. इन उम्मीदों की वजह वाइब्रेन्ट गुजरात, गुजरात मुख्यमंत्री कार्यालय का स्वागत पोर्टल जिसे 2010 में संयुक्त राष्ट्र में पुरस्कार मिला था, नैनो प्लान्ट की स्थापना के लिए अल्प समय में जटिल समस्याओ का समाधान, इन्वेस्ट इण्डिया की स्थापना कर उद्योगों को मजबूती प्रदान करना आदि रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ए के शर्मा के बारे में कहा जाता है कि वह बिना किसी लाग लपेट के सीधे बात करते हैं और काम करने में विश्वास रखते हैं. यहां तक की उन्होंने अपने साथ काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से कह रखा है कि मैं जनता के सेवक के तौर पर काम करने आया हूँ और अगर आपके किसी भी बर्ताव से जनता को दुख पहुँचा तो वह आपका मेरे साथ काम करने का आखिरी दिन होगा.
ए के शर्मा समय – समय पर अपने विभाग से जुड़ी हुईं जानकारियाँ खुद जनता को देते हैं ताकि जनता इन योजनाओं और नीतियों को जान सके. मंत्री ए के शर्मा ने अपने सोशल मीडिया हैण्डल्स पर बिजली विभाग से जुड़ी हुईं जानकारियाँ दीं है जो कुछ इस प्रकार हैं.
LT नेटवर्क (440 volt-3 फेज तक) पर 50 kW/56 kVA भार तक का घरेलू या वाणिज्यिक संयोजन / कनेक्शन लेने की प्रक्रिया बिलकुल आसान बना दी गई है.
• यदि आवेदक का परिसर मेन एलटी लाइन के अंतिम पोल से 40 मीटर या उससे कम दूरी पर है तो आवेदक से कोई धनराशि नहीं ली जायेगी. मीटर की कीमत आवेदक को देनी है. आर्मर्ड सर्विस केबल आवेदक स्वयं ला सकता है अथवा विभाग द्वारा केबल लगाकर मीटर के साथ उसकी कीमत भी अगले बिल में वसूल कर ली जाएगी.
• यदि आवेदक का परिसर एलटी लाइन के अंतिम पोल से 40 मीटर से अधिक है तो पोल से परिसर तक विद्युत तंत्र विकसित करने का खर्च आवेदक को देना होगा जिसका प्राक्कलन उपलब्ध कराया जाएगा. स्पष्ट किया जाता है कि इसमें यदि विद्युत तंत्र (परिवर्तक इत्यादि) के उच्चीकरण या क्षमतावृद्धि का कार्य आवश्यक हो तो वह डिस्कॉम द्वारा ही वहन किया जाएगा.
• यह भी स्पष्ट किया गया है कि आवेदक द्वारा प्राक्कलन की धनराशि जमा करने के बाद या औपचारिकताएँ पूर्ण होने के बाद संयोजन नहीं देने के लिए विद्युत कर्मी द्वारा कोई भी बहानेबाजी स्वीकार्य नहीं होगी.
सरकार की नीति एवं ऊर्जा मंत्री की मंशानुसार हर आवेदक को बिजली कनेक्शन अवश्य दिया जाना है. किसी कारणवश कनेक्शन नहीं देने का निर्णय सिर्फ अधिशाशी अभियंता के स्तर से ही होगा. झटपट पोर्टल (https://jhatpat.uppcl.org) पर जाकर त्वरित बिजली कनेक्शन लें और विद्युत उपयोग के प्रति निश्चिंत रहकर राष्ट्रनिर्माण में योगदान दें.
-भारत एक्सप्रेस
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