हज 2023 के समापन समारोह का आयोजन एयरोसिटी स्थित होटल लेमन ट्री में किया गया. दिल्ली हज कमिटी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जान बारला मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए. वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट, स्वास्थ्य विभाग और कस्टम विभाग के अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. पूरे आयोजन में मेहमानों के स्वागत और रवानगी की जिम्मेदारी दिल्ली हज कमेटी की चेयरपर्सन कौसर जहां ने संभाली थी, जबकि संचालन की जिम्मेदारी दिल्ली हज कमिटी के Executive Office अशफ़ाक अहमद आरिफी ने निभायी.
हालांकि, इस कार्यक्रम में सबसे आश्चर्य करने वाली बात यह थी कि दिल्ली हज कमिटी के सदस्य पूरी तरह से इस आयोजन से दूर रहे और पांच में से चार सदस्यों ने इसका बहिष्कार कर दिया. इस संबंध में जब भारत एक्सप्रेस ने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि समिति की ओर से कई सदस्यों को निमंत्रण ही नहीं भेजा गया था. दिल्ली से भाजपा के सांसद और कमेटी के सदस्य गौतम गंभीर, आम आदमी पार्टी के विधायक हाजी यूनुस और अब्दुल रहमान और कांग्रेस की निगम पार्षद नाज़िया दानिश सहित हज समिति के पांच सदस्यों में से चार सदस्य समारोह में शामिल नहीं हुए. कार्यक्रम के अंत में कमेटी के सिर्फ एक सदस्य मोहम्मद सअद शामिल हुए.
हज कमिटी के सदस्य और मुस्तफाबाद से आम आदमी पार्टी के विधायक हाजी मुहम्मद यूनुस ने कहा कि मुझे कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जब हज यात्री सऊदी अरब पहुंचे और बदइंतजामी के कारण मुझे फोन करने लगे तो मुझे पता चला कि मेरा नाम और मोबाइल नंबर वहां दर्ज है, लेकिन मुझे इसके बारे में कमिटी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही हज कमेटी की ओर से मुझे कोई जिम्मेदारी दी गई थी. हाजी यूनुस ने कहा कि हज कमेटी का सदस्य होने के बाद भी मुझे किसी कार्यक्रम में न बुलाना और बिना बताए मेरे नाम का इस्तेमाल करना गलत है, मैं इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करने के लिए सलाह लूंगा और अध्यक्ष के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई करूंगा.
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हज समिति के सदस्य और सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान ने भी दावा किया कि उन्हें कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और हज कमिटी द्वारा उन्हें किसी मीटिंग या कार्यकम में नहीं बुलाया गया था. इस संबंध में ज़ाकिर नगर वार्ड से पार्षद और हज कमिटी की सदस्य नाजिया दानिश से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. नाज़िया दानिश के पति शोएब दानिश से भी संपर्क नहीं हो सका, जबकि हज समिति की बैठक से दूरी बनाए रखने वाले बीजेपी सांसद गौतम गंभीर से भी संपर्क नहीं किया जा सका. समिति के सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में दिल्ली हज कमिटी का स्टैंड जानने के लिए Executive Officer अशफाक अहमद आरिफी से फोन पर संपर्क करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.
अब सवाल यह उठता है कि अगर दिल्ली हज कमिटी को अपने ही सदस्यों का समर्थन नहीं मिलेगा तो हज कमिटी को कौन चलाएगा या दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्षा कमिटी के सदस्यों को साथ न लेकर इसे मनमाने ढंग से चलाना चाहती हैं और अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहती हैं तो यह हज कमेटी के लिए कितना कारगर होगा? बहरहाल, दिल्ली हज कमिटी राजनीति का शिकार होती दिख रही है, लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान दिल्ली के हज यात्रियों का हो सकता है, इसलिए पार्टी लाइन से ऊपर उठकर अपनी ज़िम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है.
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