Bihar News: बिहार के भोजपुर जिले में एक मां की आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं और पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. दरअसल जिले के पिरो कस्बे के सुखरौली गांव निवासी मुंगी लाल साह के बेटे गौरव गुप्ता का ईरान में अपहरण कर लिया गया है और इसके बाद वॉट्सऐप के जरिये दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई है. इसके बाद से परिवार सहित स्थानीय पुलिस-प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है. वॉयस रिकॉर्डिंग के माध्यम से गौरव के परिवार से लगातार पैसों की मांग की जा रही है.
घटना के बाद से ही अपहृत गौरव की मां जगवंती देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. वह बार-बार बस एक ही बात कह रही हैं कि अब बेटे को कभी भी दूर नहीं भेजेंगी. बस एक बार मिल जाए. उन्होंने कहा है कि अब बस एक ही उम्मीद है कि मोदी सरकार ही मेरे बेटे को वापस ला सकती है. हम उनसे भीख मांग रहे हैं कि एक बार मेरे बेटे को वापस सरकार ला दें.
इस घटना के बाद गौरव के बेबस परिवारवालों ने पिरो के हसनबाजार थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. इसके अलावा जिन दो अलग-अलग विदेशी नंबरों से परिजनों को फोन आ रहे हैं, वह नंबर भी पुलिस को उपलब्ध कराए गए हैं.
इस मामले में पीरो डीएसपी राहुल सिंह ने मीडिया को बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. उन्हें ईरान में नौकरी के लिए ले जाया गया था, अब उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. पुलिस के अलावा परिजनों ने आरा के सांसद और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह से भी गौरव को वापस लाने की मांग की है.
गौरव के भाई राजन ने मीडिया से बताया कि गौरव 15 फरवरी को घर से ईरान के लिए निकला था. वह पटना जंक्शन पहुंचा और वहां से लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस ट्रेन से मुंबई गया. जॉब एजेंट कंपनी के खर्च पर वह मुंबई के एक होटल में करीब एक हफ्ते तक रहा और फिर 22 फरवरी को एयर अरबिया एयरलाइंस से शारजाह एयरपोर्ट के लिए यात्रा शुरू की.
राजन ने आगे बताया कि शारजाह में इंटरनेशनल किडनैपर गैंग के हैंडलर साहू और सोनू ने गौरव को रिसीव किया. राजन ने बताया कि उसने गौरव को ईरान के तेल कारखाने में काम लगवाने का भरोसा दिलाया था लेकिन वो लोग उसे ईरान में कहीं छोड़कर भाग गए.
राजन ने बताया कि गौरव के 8 मई के बाद बात नहीं हुई है, लेकिन उसका वायस मैसेज आया, जो कि किडनैपरों द्वारा कराया गया. जब उससे आखिरी बार बात हुई, तब उसने बताया था कि उसे जिस काम के लिए ईरान ले जाया गया था, उससे वह काम नहीं कराया गया, बल्कि ड्रग्स के बदले उसे गिरवी रखने की बात कही जा रही है.
मीडिया से बात करते हुए राजन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. राजन ने बताया कि 29 अप्रैल को पोरबंदर बंदरगाह के रास्ते ड्रग्स लेकर तस्कर भारत पहुंचने वाले थे. इसकी सूचना भारतीय तटरक्षक बल, एनसीबी और एटीएस को पहले से थी. इस पर सुरक्षा बलों ने कार्रवाई कर पांच पैडलरों को गिरफ्तार कर लिया था. इन लोगों के पास से करोड़ों रुपये के ड्रग्स बरामद किए गए थे.
राजन ने बताया कि जिन अंतराष्ट्रीय तस्करों को सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया था, उनमें से एक के पास गौरव का मोबाइल नंबर था और उसने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि गौरव को गिरवी रखने के बाद उन लोगों ने ड्रग्स उठाया था. इसके बाद गौरव के अपहरण की सूचना अहमदाबाद पुलिस द्वारा भी उसके परिवारवालों को दी गई थी.
गौरव के परिवारवालों ने बताया कि वॉट्सऐप कॉल और वॉयस मैसेज के जरिये पाकिस्तानी नंबर से लगातार फिरौती की मांग की जा रही है और रकम न देने पर गौरव की हत्या की बात कही जा रही है. हालांकि परिवार ने केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखकर गौरव को छुड़वाने की अपील की है तो वहीं अब इस मामले में विदेश मंत्रालय ने भी हस्तक्षेप कर दिया है और ईरान में भारतीय एंबेसी ने संज्ञान लेकर कार्यवाई शुरू कर दी है.
-भारत एक्सप्रेस
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