Bihar Diwas: बिहार का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है. यह वही बिहार की धरती है जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई. इसी बिहार ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के रूप में देश को प्रथम राष्ट्रपति दिया. स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी के 75 सालों बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में आज बिहार के लोग अपनी प्रतिभा की बदौलत देश की सेवा कर रहे हैं. वहीं कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी बिहार के लोग आज किसी से पीछे नहीं हैं. 111 साल पहले, 22 मार्च को ही बिहार अस्तित्व में आया था. 22 मार्च, 1912 को बंगाल प्रांत से अलग होकर बिहार अस्तित्व में आया था.
इसलिए हर साल 22 मार्च के दिन को बिहार दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है.बिहार दिवस (22 मार्च) को लेकर इस साल भी लोगों में खासा उत्साह नजर आया. बिहार दिवस के अवसर पर पटना समेत देश के कई शहरों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए.
दिल्ली हाट में भी बिहार उत्सव का आयोजन किया गया, जहां बेगूसराय जिले की शिवांगी गुप्ता की कथक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति ने समा बांध दिया. शिवांगी के नृत्य को तमाम लोगों ने काफी सराहा.
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बिहार के दिवस के मौके पर पटना के गांधी मैदान में भी तीन दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन किया गया था, जिसको लेकर लोगों में उत्साह देखते ही बनता था. इस तीन दिवसीय समारोह का उद्घाटन राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने किया. इस मौके पर बिहार के सीएम ने सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार सहित चार लोगों को समाज में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया.
-भारत एक्सप्रेस
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