Bihar Hooch Tragedy: बिहार में शराबबंदी के बाद जहरीली शराब पीने से अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन NCRB के आंकड़े देखे तो आप हैरान रह जाएंगे क्योंकि उसमें तो सिर्फ 23 ही दर्ज हैं मतलब ये कि NCRB के डेटा की माने को साल 2016 में शराबबंदी के बाद अब तक सिर्फ 23 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई है. जबकि हकीकत कुछ और ही है. साल 2016 में नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी की घोषणा की थी उसी साल राज्य के गोपालगंज में 16 लोगों ने जहरीली शराब से अपनी जान गंवाई थी.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों की माने तो साल 2016 में शराबबंदी के बाद जहरीली शराब से अब तक सिर्फ 23 लोगों की ही मौत हुई है । इस आंकड़े की हकीकत जानने के लिए साल 2016 ही काफी है उसी साल नीतीश कुमार ने शराबबंदी की घोषणा की थी । जिसके बाद बिहार के गोपालगंज में 16 लोगों ने जहरीली शराब से अपनी जान गंवाई तो क्या 2016 के बाद सात साल में जहरीली शराब पीने से सिर्फ 7 लोगों की मौत हुई.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि (NCRB) का डेटा, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दिए गए आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाता है. उसमें एक दो नहीं बल्कि कई गलतियां हैं. डेटा पर गौर करें तो साल 2016 में 6 जबकि 2017-18 में जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) से किसी की मौत ही नहीं हुई, 2019 में 9, 2021 में 6 लोगों की जबकि 2021 में जहरीली शराब से 2 लोगों की मौत हुई. जबकि साल 2021 में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
बिहार में पिछले 4 दिन में जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) से करीब 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान की काफी आलोचना हुई थी. उन्होंने कहा था कि “जो पिएगा, वो मरेगा” इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने उल्टे दूसरों राज्यों में शराब से मौत के आंकड़े गिना दिए. लेकिन इस बात पर उन्होंने कुछ नहीं कहा कि शराबबंदी के बावजूद शराब क्यों बिक रही है? जहरीली शराब बिक रही है तो प्रशासन क्या कर रहा है? इन सभी सवालों के जवाब सीएम के पास नहीं था या यूं कहे वो देना नहीं चाहते थे.
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिसंबर 2025 के बाद यात्रा करेंगे जिसका मकसद शराब के खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलाना है. अपनी यात्रा के दौरान वो बताएंगे कि शराब इंसान के लिए हानिकारक है. लोगों के सीएम शराब नहीं पीने की अपील करेंगे.
बिहार में सारण कांड पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी सख्ती दिखाते हुए कहा है कि अन्य ज़िलों में जहरीली शराब से होने वाली मौतों के बारे में मीडिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मौके पर एक सदस्यीय जांच दल को भेजने का फैसला किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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