प्रशांत राय
बुधवार को बक्सर पहुंचे मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका राहुल कुमार द्वारा बक्सर के चौसा में बिहार का प्रथम जैविक सैनिटरी उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया गया. जीविका दीदियों द्वारा निर्मित इस सैनिटरी पैड की खासियत यह है कि यह प्राकृतिक सामग्री से बना है क्लोरीन मुक्त, रसायन मुक्त और पूरी तरह से कंपोस्टेबल, पर्यावरण के अनुकूल, बीआईएस मानक के अनुसार है. साथ ही त्वचा पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
इस दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि इस इकाई की रुपरेखा एक वर्ष पूर्व तैयार की गई थी जो आज फलीभूत हुई है. इसे जन-जन तक पहुँचाने और उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा इकाई के उद्घाटन के लिए बक्सर पहुंचे मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका राहुल कुमार द्वारा बताया गया कि चौसा प्रखंड अंतर्गत सैनिटरी पैड इकाई बिहार का प्रथम जैविक सैनिटरी उत्पादक इकाई है. विभिन्न विभागों यथा – स्वास्थ्य, शिक्षा, ICDS इत्यादि संस्थानों से अपील की गयी कि इन संस्थानों का दायरा बड़ा है और यह जिम्मेवारी है कि इस विषय पर खुल कर चर्चा की जाय और जीविका दीदी द्वारा निर्मित “मायरा” सैनिटरी पैड से अवगत करते हुए इसे व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया जाए.
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आपको बता दें कि जिला प्रशासन बक्सर के सहयोग से एस.जे.वी.एन. के समन्वय से प्राप्त आवंटित राशि (30 लाख) एवं जीविका द्वारा आवंटित राशि (26.69 लाख) कुल राशि – 56.69 लाख की सहायता से आदर्श जीविका महिला विकास स्वावलंबी सहकारी समिति लि०, बनारपुर, चौसा (बक्सर) अंतर्गत गठित जननी जीविका महिला उत्पादक समूह के द्वारा जैविक सैनिटरी पैड उत्पादक इकाई का उद्घाटन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जीविका-सह-आयुक्त मनरेगा-सह-मिशन निदेशक, लोहिया स्वच्छता बिहार अभियान-सह-मिशन निदेशक जल जीवन हरियाली मिशन के द्वारा किया गया.
तत्पश्चात मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जीविका-सह-आयुक्त मनरेगा-सह-मिशन निदेशक, लोहिया स्वच्छता बिहार अभियान-सह-मिशन निदेशक जल जीवन हरियाली मिशन के द्वारा समाहरणालय परिसर स्थित सभागार में स्वास्थ्य, ICDS, शिक्षा, जीविका एवं अन्य विभाग के पदाधिकारियों, पार्टनर एजेंसी PCI के प्रतिनिधियों, जीविका दीदियों एवं किशोरियों के साथ जैविक सैनिटरी पैड का अनावरण, गुणवत्ता एवं विपणन रणनीति पर परिचर्चा की गई.
इसका मुख्य उद्देश्य जीविका समूह/उनके परिवार के किशोरियों/दीदियों के साथ-साथ अन्य महिलायों तक सुगमतापूर्वक, बाज़ार से कम लागत में जैविक सैनिटरी पैड उपलब्ध कराना है I जिससे गाँव की सभी महिलाओ सुगम रूप से जैविक सैनिटरी पैड की मांग को पूरा किया जा सके, उपयोग के महत्त्व को समझ पायें, साथ ही साथ अपने स्वास्थ्य की सही देख भाल कर पायें.
इस कार्य से जीविका दीदियों को जहाँ एक ओर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे वहीं दूसरी ओर उनके स्वास्थ्य पर भी साकारात्मक प्रभाव पड़ेगाI इस उत्पादन इकाई में 15000 प्रतिदिन सैनिटरी पैड का उत्पादन होगा.
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