UP News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां उत्तर प्रदेश सचिवालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले मे सजा काट रहे भाजपा विधायक रामदुलारे गोंड की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी है. इसको लेकर प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने एक लेटर भी जारी कर दिया है. इसकी अधिकारिक जानकारी राज्यपाल सहित प्रदेश के सभी विधायकों को भी दे दी गई है. मालूम हो कि 15 दिसम्बर को सोनभद्र जिले की MP-MLA कोर्ट ने भाजपा विधायक को सजा सुनाई थी. हालांकि तभी से उनकी सदस्यता रद्द मानी जा रही थी, लेकिन अधिकारिक आदेश का इंतजार था. हालांकि गोंड ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया है.
बता दें कि सोनभद्र की एमपी-एमएलए कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामदुलारे गोंड को 25 साल की सश्रम और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसी के बाद से इस सीट पर उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि अब जब गोंड की सदस्यता रद्द कर दी गई है तो माना जा रहा है कि दुद्धी विधानसभा सीट से अब उपचुनाव कराए जाएंगे. हालांकि इसको लेकर अभी कोई अधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में रिक्त दो सीटों पर जल्द ही उपचुनाव कराए जाएंगे. मालूम हो कि लखनऊ पूर्व सीट से विधायक रहे बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन का बीते महीने निधन हो गया था. इसके बाद से ये सीट भी रिक्त है. मालूम हो कि नाबालिग के दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने गोंड को 12 दिसंबर को दोषी करार दिया था. उन्हें आईपीसी की धारा 376 और 201 के तहत सजा दी गई थी. गौरतलब है कि गोंड पर जिस मामले को लेकर सजा सुनाई गई है, वह प्रकरण साल 2014 का है. भाजपा विधायक पर एक नाबालिग ने आरोप लगाया था कि, प्रधानपति रहते रामदुलारे गोंड ने उसका रेप किया था.
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पीड़िता ने नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में गोंड के खिलाफ केस दर्ज कराया था और रेप का आरोप लगाया था. इस घटना में रेप के बाद नाबालिग लड़की प्रेग्नेंट हो गई थी. दुष्कर्म के एक साल बाद ही उसने बेटी को भी जन्म दिया था. इसके बाद नाबालिग पीड़िता ने गोंड के खिलाफ लड़ाई जारी रखी और 9 साल बाद उसे न्याय मिला. इस पूरे मामले में नाबालिग ने बहुत संघर्ष किया. इस सम्बंध में नाबालिक पीड़िता ने आरोप लगाया कि, विधायक गोंड की तरफ से उसे व उसके परिवार को कई तरह की धमकियां मिलीं. जब वे धमकियों से नहीं डरे तो उनको तमाम तरह का लालच दिया गया. पीड़िता ने ये भी बताया कि, उसे केवल पीटने की ही धमकी नहीं दी गई, बल्कि विधायक के बेटों ने उसे जान से मारने और गांव से बाहर फेंक देने की भी धमकी दी थी.
इस पूरे प्रकरण में पीड़िता के भाई ने अदालत से एक और मांग की है और कहा है कि, दोषी विधायक के दुष्कर्म के बाद उसकी बहन ने एक साल बाद एक बेटी को जन्म दिया था, ज कि अब आठ साल की हो गई है. पीड़िता के भाई ने कोर्ट से अदालत से आग्रह है कि उस 8 वर्ष की बेटी के भरण पोषण को लेकर मुआवजा देने का आदेश दिया जाए.
-भारत एक्सप्रेस
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