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UP Politics: निकाय चुनाव में औंधे मुंह गिरने के बाद एक्शन में दिख रही है BSP सुप्रीमो मायावती, लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को नया रंग देने की तैयारी, अब युवा होंगे BSP की शक्ति

Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में औंधे मुंह गिरने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार पार्टी की समीक्षा कर रही हैं, कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दे रही हैं. इसके साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को नया रंग देने में जुटी हैं.

जानकारी सामने आ रही है कि लोकसभा चुनाव के लिए बसपा ने खास रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. वहीं बीएसपी पहले ही लोकसभा की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ने का मन बना लिया था, लेकिन निकाय चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा को अब नए सिरे से इस बारे में सोचना पड़ रहा है. पार्टी सूत्र बताते हैं कि बहनजी हार मानने वाली नहीं हैं. वहीं पार्टी ने मंडल स्तर पर नया एक्शन लिया है. बीएसपी ने अपने संगठन की संरचना में नया बदलाव करने की तैयारी तेज कर दी है. अब हर मंडल और जिले में पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं में युवाओं को तरजीह दी जाएगी.

युवाओं को जोड़ने की इनको मिली जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक, मायावती निकाय चुनाव के बाद से पूरी तरह एक्शन में दिखाई दे रही हैं. पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश में वह ताबड़तोड़ बैठकें कर रही हैं. साथ ही अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ मंथन कर रही हैं. बसपा चीफ ने अपनी तैयारियों को दुरुस्त करने के साथ ही संगठन में फेर बदल की तैयारी तेज कर दी है. पार्टी चार मंडल की जगह अब 3-3 मंडल पर एक को-ऑर्डिनेटर की नियुक्ति करेगी. शमसुद्दीन राइन को कानपुर, मेरठ और सहारनपुर मंडल की जिम्मेदारी दी गई है. जानकारी सामने आ रही है कि, शमसुद्दीन के पास उत्तराखंड की जिम्मेदारी भी रहेगी.

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वहीं, मुनकाद अली को आगरा, अलीगढ़ और मुरादाबाद मंडल की जिम्मेदारी सोंपी गई है. मायावती ने गुरुवार को पार्टी दफ्तर में तमाम जिला अध्यक्षों और मंडलों को अपना संदेश दिया था. उन्होंने बैठक के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में पार्टी के प्रदर्शन पर मंथन भी किया था. इसी के बाद से चर्चा जोरों पर है कि पार्टी में संगठन स्तर पर कई बदलाव होंगे. कुल मिलाकर अब बसपा सुप्रीमो की पूरी तरह से लोकसभा की सीटों पर नजर है और वह नए सिरे से अपनी पार्टी को रोपित करनें में जुट गई है, जिसकी जिम्मेदारी वह युवाओं के कंधे पर देने का विचार बना रह हैं. फिलहाल देखना ये है कि निकाय चुनाव मे कोई चमत्कार न कर पाने वाली बसपा, लोकसभा में क्या कुछ नया कर पाती है.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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