Bullet Train in India: बुलेट ट्रेन के गलियारे का निर्माण कर रहे ‘नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (एनएचएसआरसीएल) ने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में बताया है कि 508 किलोमीटर लंबी संपूर्ण बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरे होने की तारीख का आकलन सारे कार्यों के आवंटन के बाद ही किया जा सकता है. हालांकि, परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना पर प्रगति जारी है और 163 किलोमीटर ‘वायाडक्ट’, 302 किलोमीटर ‘पियर’ और 323 किलोमीटर ‘फाउंडेशन’ का निर्माण हो गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘पटरी के कार्यों के लिए ‘वायाडक्ट’ का कुल 35 किलोमीटर का हिस्सा सौंप दिया गया है. पूरे कॉरिडोर के सिविल कार्यों के लिए 100 प्रतिशत निविदाएं और गुजरात में पटरी के कार्यों के लिए निविदाएं प्रदान की जा चुकी हैं. गुजरात में सूरत और बिलिमोरा के बीच ट्रायल रन 2026 में शुरू होगा.’’ एनएचएसआरसीएल के सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के हिस्से के लिए पहला सिविल अनुबंध मार्च 2023 में प्रदान किया गया था, क्योंकि महाराष्ट्र में परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का एक बड़ा हिस्सा उपलब्ध नहीं था.
मध्य प्रदेश निवासी चंद्रशेखर गौर ने आरटीआई अर्जी के माध्यम से रेलवे से जानना चाहा था कि क्या एनएचएसआरसीएल संपूर्ण परियोजना के पूरी होने की अंतिम तारीख बताने की स्थिति में है. इस पर एनएचएसआरसीएल ने जवाब में कहा, ‘‘मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के पूरी होने की तारीख का आकलन सभी निविदाएं/पैकेज आवंटित होने के बाद किया जा सकता है.’’ परियोजना की शुरुआत 2017 में की गई थी और शुरुआत में इसके दिसंबर 2023 तक पूरे होने का अनुमान लगाया गया था लेकिन भूमि अधिग्रहण के मुद्दे और कोविड महामारी ने इसकी प्रगति को धीमा कर दिया.
रेल मंत्रालय ने परियोजना के पहले चरण में सूरत से बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर पट्टी पर काम अगस्त 2026 तक पूरा होने की आधिकारिक घोषणा की है. उसने जनवरी 2024 में यह घोषणा भी की थी कि परियोजना के लिए शत-प्रतिशत भूमि अधिग्रहण हो चुका है.
एनएचएसआरसीएल ने आरटीआई आवेदन के उत्तर में यह भी कहा कि अभी तक रेल पटरियां नहीं बिछाई गई हैं, हालांकि छह अप्रैल, 2024 तक कुल 157 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ‘वायाडक्ट’ (सेतु) बनाने का काम पूरा हो गया है.
केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन परियोजना के कॉरिडोर पर कामकाज की प्रगति की जानकारी देते हुए गत 28 मार्च को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था कि 295.5 किलोमीटर ‘पियर’ और 153 किलोमीटर ‘वायाडक्ट’ बनाने का काम पूरा हो गया है. परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया, ‘‘पियर जमीन पर खड़े किए गए बड़े खंभे हैं. इन पर गर्डर रखकर वायाडक्ट बनाया जाता है.’’
-भारत एक्सप्रेस
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