— भारत एक्सप्रेस
West Bengal News: पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाईकोर्ट में एक अजीबो-गरीब घटना घटी. हुआ यह कि हाईकोर्ट के जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने एक मामले में फैसला सुनाया कि विवादित जमीन से शिवलिंग को हटाया जाना चाहिए. हालांकि, उस शिवलिंग को बेदखल करने का फैसला रिकॉर्ड करते वक्त असिस्टेंट रजिस्ट्रार अचानक बेहोश हो गए. उनका बुरा हाल देखकर, जस्टिस ने भी अपना फैसला बदल दिया.
इस घटना की अब सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. बताया जा रहा है कि बेहोश होने वाले असिस्टेंट रजिस्ट्रार को कोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. कोर्ट परिसर में मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि असिस्टेंट रजिस्ट्रार के बेहोश होने की वजहों का पता नहीं चल पाया है. वहीं, कुछ ने इसे शिवलिंग का प्रभाव बताया. एक न्यूज चैनल की खबर के मुताबिक, मुर्शिदाबाद के बेलडांगा स्थित खिदिरपुर निवासी सुदीप पाल और गोविंद मंडल के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है.
हिंदू मजहब के दो पक्षों में कई साल से चला आ रहा जमीन विवाद
जमीन का विवाद कई दफा सुलझाने की कोशिश की गई, हालांकि पिछले साल मई में यह विवाद हाथापाई की नौबत तक पहुंच गया था. आरोप है कि गोविंद ने विवादित जमीन पर रातों-रात एक शिवलिंग की स्थापना करवा दी. बाद में उस शिवलिंग को देखकर दूसरा पक्ष दंग रह गया. दूसरे पक्ष के सुदीप पाल ने मामले की शिकायत थाने में की. पुलिस ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया. हालांकि, पुलिस दोनों पक्षों के विवाद का निपटारा न कर सकी.
चट्टोपाध्याय ने जज से कहा- शिवलिंग स्वयं जमीन से निकला
याचिकाकर्ता सुदीप पाल ने फिर कलकत्ता हाईकोर्ट का रूख किया. सुदीप के वकील तरुणज्योति तिवारी ने कोर्ट को बताया कि गोविंद ने जानबूझकर विवादित जमीन पर शिवलिंग स्थापित किया था. और, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में हम न्याय के लिए हाईकोर्ट के समक्ष आए हैं.’ वहीं, दूसरी ओर गोविंद के वकील मृत्युंजय चट्टोपाध्याय ने जज से कहा, ”मेरे मुवक्किल ने शिवलिंग की स्थापना नहीं की, बल्कि शिवलिंग स्वयं जमीन से निकला है.”
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असिस्टेंट रजिस्ट्रार विश्वनाथ राय अचानक बेहोश
हाईकोर्ट में दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने शिवलिंग को जमीन से हटाने का आदेश दिया. जस्टिस जॉय के इसी फैसले को रिकॉर्ड करते समय उनका असिस्टेंट रजिस्ट्रार विश्वनाथ राय अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा. जिसके कारण रजिस्ट्रार को हाईकोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहीं, जज भी कोर्टरूम से बाहर चले गए. बाद में जब वह वापस लौटे तो उन्होंने कहा- इस मामले में कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा.
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