Chandrayaan-3: चांद पर रात हो गई है. अगले कुछ दिनों तक वहां अंधेरी रात ही रहेगी. इस वजह से चंद्रयान 3 का रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम ‘रेस्ट मोड’ में चला गया है. मतलब, चंद्रयान 3 मिशन का काम अटक गया है. इसरो को इस बात की चिंता थी कि लैंडर और रोवर कुशल है या नहीं? इसलिए चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर को चांद के पास भेजा गया. ऑर्बिटर ने लैंडर की ताजा तस्वीर भेजी है. इसरो ने शनिवार को तस्वीर साझा की है. ये तस्वीरें चंद्रयान 2 ऑर्बिटर पर डुअल-फ़्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार (DFSAR) से ली गई हैं.
गौरतलब है कि चंद्रयान 2 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद से ही इसरो ऑर्बिटर का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष का हाल जानता है. साल 2019 में भारत का मून मिशन सफल होते-होते रह गया था. तब से ऑर्बिटर का डीएफएसएआर चांद की सतह की इमेजिंग करके इसरो को डेटा भेजता रहा है. हालांकि, ये जानना भी जरूरी है कि इसरो का चंद्रयान 3 ने अपना काम कर दिया है. रोवर प्रज्ञान ने चांद पर क्या-क्या उपयोग की चीजें हैं सब खोज लिया है. यहां तक की ऑक्सीजन का भी पता चल गया है.
रात के समय चांद पर करीब -230 डिग्री के करीब तापमान रहता है. इस तापमान में रोवर की बैट्री पूरी तरह ड्रेन हो जाएगी. दरअसल, चांद पर 14 दिनों के बराबर रात होती है. इतने के ही बराबर दिन भी होते हैं. लैंडर विक्रम और रोवर को जिस तकनीक से विकसित किया गया है वो केवल दिन-दिन में काम कर सकते हैं. बैट्री ड्रेन हो जाने के बाद रोवर से इसरो का कोई संपर्क नहीं बन पाएगा. हालांकि, इसरो ने अपने दोनों हीरो को सन लाइट में चार्ज होने की शक्ति दी है. ऐसे में उम्मीद है कि जब चांद पर जब एक बार फिर दिन होगा तो रोवर खुद व खुद काम पर लौट जाएगा. ऐसा होगा या नहीं ये तो 22 सितंबर को ही पता चल पाएगा.
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