Gorakhpur: भक्ति की शक्ति की प्रतिष्ठा, भेदभाव भुलाकर सबको गले लगाने, समृद्ध सनातन संस्कृति के उल्लास के पर्व होली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बतौर गोराखपीठाधीश्वर मौजूदगी गोरखपुर के रंगोत्सव को बेहद खास बनाती है. सीएम योगी के संग भक्ति के उमंग में सामाजिक समरसता के रंग बरसते हैं. इसका माध्यम होती है घंटाघर से श्री होलिकोत्सव समिति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बैनर तले निकलने वाली भगवान नरसिंह की रंगभरी शोभायात्रा. दशकों से जारी इस परंपरा का निर्वाह करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में बुधवार सुबह इस शोभायात्रा का नेतृत्व करेंगे.
गोरक्षपीठ की अगुवाई वाला रंगोत्सव सामाजिक संदेश के ध्येय से विशिष्ट है. सामाजिक समरसता का स्नेह बांटने के लिए ही गोरक्षपीठाधीश्वर दशकों से होलिकोत्सव-भगवान नरसिंह शोभायात्रा में शामिल होते रहे हैं. 1996 से 12019 तक शोभायात्रा का नेतृत्व करने वाले योगी वर्ष 2020 और 2021 के होलिकोत्सव में लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए इसमें शामिल नहीं हुए थे. सफल कोरोना प्रबंधन का पूरी दुनिया में लोहा मनवाने और इस वैश्विक महामारी को पूरी तरह काबू में करने के बाद सीएम योगी गत वर्ष पुनः शोभा यात्रा का नेतृत्व करने आए थे और इस वर्ष भी भगवान नरसिंह की शोभायात्रा उनके ही नेतृत्व में सामाजिक समरसता के रंगों से सराबोर होगी.
नानाजी देशमुख ने की थी गवान नृसिंह रंगोत्सव शोभायात्रा की शुरुआत
गोरखपुर में भगवान नृसिंह रंगोत्सव शोभायात्रा की शुरुआत अपने गोरखपुर प्रवासकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में की थी. गोरखनाथ मंदिर में होलिकादहन की राख से होली मनाने की परंपरा इसके काफी पहले से जारी थी. नानाजी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए था. नानाजी के अनुरोध पर इस शोभायात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के निर्देश पर महंत अवेद्यनाथ शोभायात्रा में पीठ का प्रतिनिधित्व करने लगे और यह गोरक्षपीठ की होली का अभिन्न अंग बन गया.
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1996 से सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं इसकी अगुवाई
1996 से योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी अगुवाई में न केवल गोरखपुर बल्कि समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का विशिष्ट पर्व बना दिया. अब इसकी ख्याति मथुरा-वृंदावन की होली सरीखी है और लोगों को इंतजार रहता है योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले भगवान नृसिंह शोभायात्रा का. पांच किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाली शोभायात्रा में पथ नियोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता करते हैं और भगवान नृसिंह के रथ पर सवार होकर गोरक्षपीठाधीश्वर रंगों में सराबोर हो बिना भेदभाव सबसे शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं.
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के रंगपर्व की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर में होलिकादहन या सम्मत की राख से तिलक लगाने के साथ होगी. पीठाधीश्वर के साथ ही मंदिर के प्रधान पुजारी एवं अन्य साधु-संत भी होलिका दहन के भस्म से रंगोत्सव का शुभारंभ करेंगे. इस अवसर पर मंदिर में फाग गीत भी गाए जाएंगे. दोपहर बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में होली मिलन समारोह का आयोजन भी होगा.
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