दिल्ली हज कमेटी का आपसी विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं. भारत एक्सप्रेस हिन्दी और उर्दू ने 25 जुलाई को ”दिल्ली हज कमेटी में बड़ी फूट” के हेडलाइन से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद दिल्ली हज कमेटी की चेयरपर्सन कौसर जहां ने भारत एक्सप्रेस को उर्दू में स्पष्टीकरण भेजकर सफाई देने की कोशिश की है. भारत एक्सप्रेस से फोन पर बातचीत में कौसर जहां ने कहा कि हज कमेटी के सदस्य और आम आदमी पार्टी से जुड़े विधायक हाजी मोहम्मद यूनुस और अब्दुल रहमान को हज यात्रियों की सेवा से कोई सरोकार नहीं है, बल्कि वे हज कमेटी को सियासत का अड्डा बनाना चाहते हैं. वे अपने अधिकारों की बात तो करते हैं, लेकिन अपना कर्तव्य पूरी तरह से भूल गये हैं. दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के विधायक अब्दुल रहमान ने फिर दोहराया कि उन्हें हज कमेटी की ओर से आयोजित समापन समारोह में शामिल होने के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला था और अगर उन्हें निमंत्रण भेजने का दावा किया जा रहा है तो कमेटी के पदाधिकारी और अध्यक्षा को सबूत दिखाना चाहिए. उनके इस आरोप पर कौसर जहां का कहना है कि उन्हें जानकारी दी गई है, लेकिन अगर हमने एक कार्यक्रम में उन्हें जानकारी नहीं दी तो उन्हें सवाल पूछने का अधिकार किसने दिया? मेरे कार्यकाल में हज कमेटी के जो सदस्य एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए या हज मंजिल का एक बार दौरा नहीं किया वे हज यात्रियों की क्या सेवा करेंगे? हज कमेटी के सदस्य और आप विधायक हाजी यूनुस से बात करने के लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
कौसर जहां का कहना है कि केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुझे जो ज़िम्मेदारी सौंपी है, मैं उसे ईमानदारी से निभा रही हूं. दिल्ली हज कमेटी को दिल्ली सरकार से कोई सहयोग नहीं मिलता, बल्कि केंद्र सरकार से पूरा सहयोग मिलता है. ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी के लोगों को व्यक्तिगत लाभ के अलावा जनता से कोई लेना-देना नहीं है. हज सीजन 2023 की पूरी व्यवस्था में दिल्ली सरकार और एमसीडी ने कोई सहयोग नहीं दिया है, जबकि हाजी मोहम्मद यूनिस और अब्दुल रहमान की जिम्मेदारी है कि वे अपनी सरकार और एमसीडी का सहयोग दिल्ली हज कमेटी को दिलावायें, लेकिन वह ऐसा नहीं करते.
कौसर जहां आगे कहती हैं कि मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत को हज 2023 के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया, लेकिन वह नहीं आए, मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा लेकिन नहीं मिला. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और हमें प्रोत्साहित किया और हज यात्रियों की सेवा के लिए सहयोग का आश्वासन दिया. पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर के किसी भी बैठक में शामिल नहीं होने के सवाल के जवाब में कौसर जहां कहती हैं, हां, गौतम गंभीर अभी तक किसी बैठक में भाग नहीं ले पाये हैं, लेकिन मैं लगातार उनके संपर्क में रहती हूं. साथ ही मुझे पर्दे के पीछे से उनका पूरा सपोर्ट मिलता है.
सांसद गौतम गंभीर के मीडिया प्रभारी अनिमेष का कहना है कि गौतम गंभीर फिलहाल दिल्ली में नहीं हैं. ऐसा नहीं है कि वह हज कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होना चाहते, कई बार वह बैठक में शामिल हुए हैं. इसके अलावा कई बार ऐसा भी हुआ कि हमारा कार्यक्रम पहले से तय होता है और दिल्ली हज कमेटी की मीटिंग का निमंत्रण देर से आता है और वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हज कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हो पाते। उन्होंने मीटिंग में शामिल होने का फोटो भी होने का दावा किया.
आपको बता दें कि दिल्ली हज कमेटी दो गुटों में बंट गई है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के बीच मतभेद बढ़ता ही जा रहा है और एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी बढ़ती जा रही है, जिससे दिल्ली के हज यात्रियों को बड़ा नुकसान हो सकता है. यदि हज समिति के दोनों समूहों का उद्देश्य हज यात्रियों की सेवा करना है, तो उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर रणनीति बनानी होगी और राजनीतिक मतभेदों को भुलाना होगा.
-भारत एक्सप्रेस
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