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दिल्ली में दिसंबर की हवा सबसे साफ, औसत AQI 294 दर्ज, 2015 के बाद पहली बार

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से राहत की एक सकारात्मक खबर सामने आई है. 2023 के दिसंबर महीने में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 294 दर्ज किया गया, जो 2015 में AQI प्रणाली लागू होने के बाद दिसंबर के महीने में अब तक का सबसे कम स्तर है. यह आंकड़ा प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.

क्या है AQI और इसका महत्व?

AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) एक मापदंड है, जो वायु में मौजूद विभिन्न प्रदूषकों जैसे पीएम 2.5, पीएम 10, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को मापता है.
– *0-50*: अच्छा
– *51-100*: संतोषजनक
– *101-200*: मध्यम
– *201-300*: खराब
– *301-400*: बेहद खराब
– *401-500+*: खतरनाक

दिसंबर 2023 में दर्ज किया गया 294 AQI “खराब” श्रेणी में आता है, लेकिन यह पिछले वर्षों की तुलना में बड़ी सुधार का संकेत है.

पिछले वर्षों के आंकड़े

दिल्ली में दिसंबर के महीनों का औसत AQI पिछले वर्षों में निम्नलिखित रहा:
– 2022: 319 (बेहद खराब)
– 2021: 352 (बेहद खराब)
– 2020: 357 (बेहद खराब)
– 2019: 335 (बेहद खराब)

इस साल दर्ज किया गया 294 का औसत न केवल पिछले वर्षों से कम है, बल्कि यह दिसंबर में हवा की गुणवत्ता में सुधार का स्पष्ट संकेत भी है.

क्या रहा सुधार का कारण?

विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों ने इस सुधार के पीछे कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया है:

1. पराली जलाने में कमी: पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में इस साल 30% की कमी आई है.
2. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की नीतियां: निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी, डीजल वाहनों पर प्रतिबंध, और एंटी-स्मॉग गन का उपयोग जैसे उपायों ने बड़ा प्रभाव डाला है.
3. मौसमी परिस्थितियां: इस साल ठंड के कारण हवाओं की गति सामान्य से तेज रही, जिससे प्रदूषकों का स्तर कम हुआ.
4. स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग: दिल्ली में औद्योगिक इकाइयों को स्वच्छ ईंधन पर स्थानांतरित करने की मुहिम ने प्रदूषण में कमी लाई है.

विशेषज्ञों की राय

पर्यावरण विशेषज्ञ इस सुधार को सकारात्मक मानते हैं लेकिन इसे स्थायी बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हैं. प्रख्यात पर्यावरणविद सुनीता नारायण का कहना है, “यह सुधार उत्साहजनक है, लेकिन दिल्ली को स्थायी स्वच्छ हवा के लिए और भी कठोर कदम उठाने होंगे. प्रदूषण कम करने की यह लड़ाई लंबी है.”

आगे की चुनौतियां

हालांकि दिसंबर 2023 में हवा की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है, लेकिन विशेषज्ञ आगाह करते हैं कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर अभी भी “खराब” श्रेणी में है.
– वाहनों का उत्सर्जन
– धूल और निर्माण कार्यों का प्रदूषण
– जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण

इन समस्याओं का समाधान किए बिना दिल्ली में वायु गुणवत्ता को लंबे समय तक सुधारना चुनौतीपूर्ण होगा.

सरकार “ग्रीन दिल्ली” योजना के तहत और कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है. इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, हरित पट्टियों का विस्तार, और सार्वजनिक परिवहन को मजबूत बनाना शामिल है. दिसंबर 2023 का “सबसे साफ” दिसंबर होना दिल्ली के लिए एक सकारात्मक संकेत है. यदि यह सुधार जारी रहा तो दिल्ली जल्द ही “बेहद खराब” से “मध्यम” या “संतोषजनक” श्रेणी में आ सकती है. हालांकि, यह तभी संभव होगा जब सरकार, उद्योग और आम नागरिक मिलकर इस दिशा में काम करें.

-भारत एक्सप्रेस 

मिताली चंदोला, एडिटर, क्राइम एंड इंवेस्टिगेशन

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