Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए रिठाला विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा दिया है. आम आदमी पार्टी ने मोहिंदर गोयल को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने कुलवंत राणा पर विश्वास जताया है, जबकि कांग्रेस (INC) ने सुशांत मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है.
चुनाव की तारीख घोषित होने तक आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, जबकि कांग्रेस ने 48 और भाजपा ने 29 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. रिठाला विधानसभा क्षेत्र में पिछले 2020 चुनावों में भी बीजेपी और आप के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया था. इस बार कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी चुनाव मैदान में होने से चुनावी संघर्ष रोचक होने की उम्मीद है.
रिठाला विधानसभा क्षेत्र में 2020 के चुनावों के दौरान कुल 1,66,668 मतदाता थे, जिनमें 90,103 पुरुष, 76,559 महिलाएं और 6 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल थे. दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख से ज्यादा वोटर 2025 के चुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा बताए गए हैं.
2024 लोकसभा चुनाव के समीकरण
रिठाला विधानसभा क्षेत्र दिल्ली के उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हंसराज हंस ने इस सीट से जीत हासिल की थी. 2024 में यहां से बीजेपी के उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया ने जीत हासिल की. उन्हें कुल 8,66,483 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उदित राज को 5,75,634 वोट प्राप्त हुए. इस प्रकार योगेंद्र चंदोलिया ने लगभग 2,90,849 वोटों के अंतर से विजय प्राप्त की.
2020 विधानसभा चुनाव के परिणाम
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मोहिंदर गोयल ने 13,873 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. गोयल को 53.37% वोट मिले. वहीं भाजपा प्रत्याशी को 38% वोट पर संतोष करना पड़ा. बात अगर कांग्रेस उम्मीदवार की करें तो उनको महज 2.89% वोट मिले थे.
बात अगर रिठाला विधानसभा की करें तो यहां पॉश इलाकों में सब कुछ सामान्य है. जाम की स्थिति बनी रहती है. सड़कें टूटी हैं और पेयजल समस्या स्थायी है. झोपड़पट्टी और घनी आबादी के बीच सफाई, सीवर जाम है. रिठाला की पाल कॉलोनी में नाले पर साल भीतर दो बार स्लैब डाली गई है और दोनों ही बार टूट गई है.
आम आदमी पार्टी को अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और मंत्री रहे सत्येंद्र जैन के जेल जाने का किसी तरह का कोई इमोशनल वोट मिलता नहीं दिख रहा है. इसके उलट बीजेपी और कांग्रेसी भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने में लगे हुए हैं. 10 साल की सत्ता पर एंटी इनकंबेंसी का माहौल दिखाई पड़ रहा है.
आम आदमी पार्टी के द्वारा 200 यूनिट बिजली, 20 हजार लीटर पानी और मुफ्त में महिलाओं की यात्रा का फायदा स्लम एरिया में मिलता दिख रहा है. वही आम आदमी पार्टी के द्वारा की गईं घोषणाओं पर भी झोपड़पट्टी के लोग भरोसा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. मध्यवर्गीय और पॉश इलाकों की बात करें तो वहां पर केजरीवाल का जादू बेअसर है.
-भारत एक्सप्रेस
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