Delhi HighCourt News: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव एवं प्रधान स्वास्थ्य सचिव को राजधानी में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए छह-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसित तत्काल उपायों को 30 दिनों के भीतर लागू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि डॉ. एसके सरीन समिति की तत्काल सिफारिशें मानव जीवन को बचाने में काफी मददगार होंगी। यह किसी भी तरह से राजनीतिक प्रकृति का नहीं है। इसलिए इसे लागू करने में लोकसभा चुनाव का आदर्श आचार संहिता बाधा नहीं बनेगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव व प्रधान स्वास्थ्य सचिव एक रोडमैप भी बताएंगे कि वे विशेषज्ञ समिति की बताई गई समय सीमा के भीतर मध्यवर्ती और दीर्घकालिक उपायों को कैसे लागू करना चाहते हैं। पीठ ने प्रधान स्वास्थ्य सचिव को चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई-सह-स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और सुनवाई 24 मई के लिए स्थगित कर दी है। कोर्ट के 13 फरवरी का आदेश पालन करते हुए डॉ. सरीन समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट एवं सिफारिशें पेश कर दी थी।
समिति ने रिक्त पद, महत्वपूर्ण संकाय की कमी, बुनियादी ढांचे, चिकित्सा या सर्जिकल सामग्रियों, आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर, ट्रामा सेवाएं और रेफरल पण्राली समेत चिकित्सा पण्राली में कुछ कमियों की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने कोर्ट के पहले के आदेश पर गौर किया और सराहना की कि इस मामले में उठाई गए मुद्दे राजधानी के लोगों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर है। समिति ने सिफारिश की है कि तत्काल उपाय 30 दिन के भीतर, अल्पकालिक उपाय 31 से 90 दिन में, मध्यवर्ती उपाय 91 से 365 दिन में तथा दीर्घकालिक उपाय एक से दो साल में लागू किए जाएं।
— भारत एक्सप्रेस
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