उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से संबंधित मामले की जांच से संबंधित केस डायरी को सुरक्षित रखने और उसका पुनर्निर्माण करने के निर्देश देने की मांग करने वाली कार्यकर्ता देवांगना कलीता की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दलीलों को नोट करने के बाद दिल्ली पुलिस को फरवरी 2020 में सीएए विरोधी हिंसा के दौरान हुई हिंसा से संबंधित मामले में अपनी जांच से संबंधित केस डायरी को सुरक्षित रखने और उसका पुनर्निर्माण करने के लिए तुरंत निर्देश देने से इनकार कर दिया.
हालांकि, न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को कार्यकर्ता देवांगना कलीता की याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया, जिसमें शहर की अदालत के 6 नवंबर के आदेश को चुनौती दी गई है. न्यायालय ने अगली सुनवाई 25 नवंबर के लिए निर्धारित की है.
सितंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने देवांगना कलिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश में आरोप तय करने पर अंतिम आदेश पारित नहीं करने का निर्देश दिया था.
कलीता ने पुलिस को दो मामलों से संबंधित कुछ वीडियो और व्हाट्सएप चैट उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग की, जिसमें एक मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज किया गया था, जो सीएए और एनआरसी के खिलाफ 2020 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित था.
फरवरी 2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के साथ ही नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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