दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूजक्लिक मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को यूएपीए मामले में सरकारी गवाह बनने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है. यह मामला पोर्टल पर चीन समर्थक प्रचार के लिए पैसे लेने के आरोपों के बाद दर्ज किया गया था. न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने इस मामले में रिहाई की मांग करने वाली चक्रवर्ती की याचिका को स्वीकार कर लिया है.
न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था. पुरकायस्थ इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. चक्रवर्ती ने सरकारी गवाह बनने के बाद मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी. पुलिस ने 3 अक्टूबर, 2023 को न्यूजक्लिक से जुड़े प्रमुख पत्रकारों के आवासों पर छापेमारी की थी.
पत्रकारों के आवासों पर हुई थी छापेमारी
प्राथमिकी के अनुसार कथित तौर पर भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को भारी मात्रा में चीन से धन मिला था. पुरकायस्थ ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक एक समूह के साथ साजिश रची थी. प्राथमिकी में नामित संदिग्धों एवं आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आए संदिग्धों के खिलाफ 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 स्थानों एवं अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापे मारे गए थे. न्यूजक्लिक के कार्यालयों एवं कई पत्रकारों के आवासों से लगभग 300 इलेक्ट्रानिक गैजेट भी जब्त किए गए थे. छापेमारी के बाद विशेष प्रकोष्ठ ने नौ महिला पत्रकारों समेत 46 लोगों से पूछताछ की थी.
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