दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में वक्फ ट्रिब्यूनल के पुनर्गठन के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करने का निर्देश देने की मांग याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने मुतवल्ली मोहम्मद मोहिउद्दीन के माध्यम से विधिवत अधिसूचित वक्फ मस्जिद और दरगाह शाह अब्दुल सलाम द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा है.
याचिका में कहा गया है कि वक्फ ट्रिब्यूनल ने आखिरी बार 20 अप्रैल, 2022 को दिल्ली में काम किया था, जब राज्य न्यायिक सेवा या एडीजे के पूर्व सदस्य को ट्रिब्यूनल से दूसरे न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था.
हालांकि दिल्ली सरकार की उदासीनता इस तथ्य से प्रकट होती है कि उसने वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 83 (1) के तहत अपेक्षित अधिसूचना जारी नहीं की. नतीजतन वक्फ ट्रिब्यूनल को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को ट्रिब्यूनल के अन्य दो सदस्यों को भी फिर से अधिसूचित करने की आवश्यकता है, अन्यथा जब तक अध्यक्ष की अधिसूचना जारी होगी, तब तक वे अपनी प्रतिनियुक्ति के समाप्ति बिंदु पर पहुंच जाएंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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