Delhi Liquor Case BRS Leader K Kavitha Bail: दिल्ली शराब नीति कथित घोटाला मामले में जेल में बंद बीआरएस नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने कविता को जमानत देते हुए शर्ते भी लगाई है. कोर्ट ने कविता को सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत दी है. कोर्ट 10-10 लाख रुपये की निजी मुचलके पर जमानत दे दिया है. कोर्ट ने कविता को पासपोर्ट सरेन्डर करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान के कविता सबूतों के साथ छेड़छाड़ नही करेंगी. गवाहों को प्रभावित नहीं करेगी. जांच में वो सहयोग करेंगी और जांच अधिकारी के समक्ष हाजिरी लगाने की कहा है. कविता 15 मार्च से ही तिहाड़ जेल में बंद थी.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि यदि आप और अधिक टिप्पणियां चाहते हैं तो हम आपको चेतावनी दे रहे हैं. इस अदालत ने बार-बार कहा है कि जमानत पर विस्तृत बहस से बचना चाहिए. जांच पूरी हो गई है, चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है, और फिर ये एक महिला का मामला है. के कविता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. रोहतगी ने कहा कि ईडी को पांच महीने और सीबीआई मामले में चार महीने लगे. रोहतगी ने कहा को आमतौर पर महिलाओं को जमानत मिल जाती है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि आप एक कमजोर महिला नहीं है. रोहतगी ने कहा कि इस मामले में अब तक कोई रिकवरी नहीं हुई है.
आरोप है कि 100 करोड़ रुपये साउथ लॉबी से दिल्ली लाए गए, लेकिन कोई रिकवरी नहीं हुई. रोहतगी ने यह भी कहा कि साउथ ग्रुप को पैसे भेजने के बारे में किसी तरह की कोई बरामदगी नहीं हुई. आरोप है कि कविता ने गवाह को धमकाया, लेकिन ऐसा कोई मामला नहीं है. के कविता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत की मांग कर रहे है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि बीआरएस नेता के कविता के पिता मुख्यमंत्री थे, जिस समय कविता को गिरफ्तार किया गया. मुकुल रोहतगी ने कहा जमानत नियम है. जेल अपवाद है. इसलिए जमानत मिलनी चाहिए.
मुकुल रोहतगी ने सिसोदिया को मिली जमानत का हवाला देते हुए कहा कि इसी मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. एजेंसी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कविता के जमानत का विरोध किया, कहा कि कविता को जमानत दी गई तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है. रोहतगी ने कहा कि इस मामले के सह आरोपी मनीष सिसोदिया को आपने जमानत दी है, मेरे मामले में सीबीआई ईडी के दोनों मामलों में जांच पूरी हो गई है. दोनों मामलों में कुल मिलाकर 493 गवाह, 50,000 पन्नों के दस्तावेज़ और 57 अभियुक्त. वह मौजूदा एमएलसी हैं, ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भागेंगी. हाईकोर्ट ने कहा है कि उन्हें राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि वह एक प्रभावशाली महिला है. जस्टिस गवई ने मुस्कुराते हुए कहा कि आप एमएलए एमएलसी हैं, इसलिए आप जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है, असुरक्षित नहीं.
रोहतगी ने कहा कि साउथ ग्रुप में पैसा ले जाने के मामले में किसी भी तरह की कोई वसूली नहीं हुई. आरोप है कि मैंने गवाह को धमकाया, लेकिन कोई मामला नहीं है. कोर्ट ने सीबीआई, ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू से पूछा कि कविता के लिए लाभकारी प्रावधान क्यों लागू नहीं होगा? एएसजी ने जवाब दिया कि कविता ने फोन को नष्ट कर दिया और फॉर्मेट कर दिया. रोहतगी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मैंने इसे अपने नौकर को दे दिया था. एएसजी ने कहा कि उनमें से एक आईफोन था? रोहतगी ने कहा कि हां, तो क्या हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोहतगी, अब हम राजू को सुन रहे हैं. एएसजी ने कहा कि उनका आचरण सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को धमकी देने वाला है.
जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि मिस्टर राजू फोन बहुत निजी चीज है. इसमें और भी चीजें होंगी, आदान प्रदान वाले संदेशों को आंशिक रूप से हटाया जा सकता है. जैसे मुझे स्कूल और कॉलेज के ग्रुप में मैसेज डिलीट करने की आदत है, जहां बहुत सारी चीजें डाल दी जाती हैं और गड़बड़ हो जाती है. एएसजी ने कहा कि आप तब फोन को फॉर्मेट नहीं कर सकते. उसे पेश करने के लिए कहा गया था. जस्टिस गवई ने कहा कि इतने सारे वकीलों के पास 2-3 फोन हैं? एएसजी ने कहा कि हाँ, मैं भी दो फोन रखता हूँ. मुझे आईफोन पसंद नहीं है, लेकिन मैं अपने पोते-पोतियों के साथ फेसटाइम के लिए एंड्रॉइड के अलावा एक आईफोन भी रखता हूं.
जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ के लिए आपको और समग्री चाहिए. यहां यह केवल फॉर्मेटिंग दिखाता है. एएसजी ने कहा कि हमारे पास अन्य आरोपियों के साथ उसका संबंध दिखाने के लिए सीडीआर है. सुप्रीम कोर्ट ने ASG से पूछा कि यह दिखाने के लिए क्या सामग्री है कि वह अपराध में शामिल थी? एएसजी ने कहा कि वह इस मामले में महिला के तौर पर राहत की हकदार क्यों हैं? आखिर योग्यता के आधार पर क्यों नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस हद तक हाईकोर्ट जज सही हैं कि वह पढ़ी-लिखी हैं. इसमें कहा गया है कि उन्होंने राजनीति और राज्य में बेहतरीन तथा प्रभावशाली योगदान दिया है. इससे पहले इस मामले में संजय सिंह, मनीष सिसोदिया को जमानत मिल चुकी है. जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका लंबित है. हालांकि केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है.
-भारत एक्सप्रेस
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