दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत में एक के बाद एक कई आतंकी हमलों में 70 से अधिक लोगों की मौत होने की सूचना है. सैन्य और पुलिस अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी गई है. एक आधिकारिक बयान में गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि हमले पूर्व नियोजित थे और पाकिस्तान में अराजकता पैदा करने के लिए किए गए.
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने कहा कि लासबेला जिले के एक शहर बेला में एक प्रमुख राजमार्ग पर वाहनों को निशाना बनाकर किए गए एक बड़े हमले में 14 सैनिक और पुलिस के साथ-साथ 21 आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों ने प्रमुख राजमार्गों पर बसों और ट्रकों को निशाना बनाया तथा उनका उद्देश्य नागरिकों की हत्या करना था.
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने कहा कि 38 नागरिक मारे गए. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि उनमें से मुसाखेल जिले में 23 की मौत सड़क किनारे हुए हमले में हुई. हमलावरों ने कथित तौर पर एक काफिले को रोका, उनकी पहचान की और यह पता करने के बाद कि वे पंजाब से थे, कम से कम 23 नागरिकों को मार दिया, साथ ही 35 वाहनों में आग लगा दी. बंदूकधारियों ने मुख्य रूप से पाकिस्तान के पूर्वी प्रांत पंजाब के श्रमिकों को निशाना बनाया, जिन्हें वे अपने संसाधनों का शोषण करने वाला मानते हैं.
कलात में एक पुलिस चौकी और एक राजमार्ग पर हुए हमले में कथित तौर पर 10 लोग – पांच पुलिस और पांच नागरिक मारे गए. रेलवे अधिकारी मुहम्मद काशिफ ने बताया कि सोमवार (26 अगस्त) को बोलन शहर में एक रेल पुल पर विस्फोट के बाद क्वेटा रेल यातायात निलंबित कर दिया गया. यह रेल मार्ग क्वेटा को पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, साथ ही पड़ोसी ईरान के साथ रेल लिंक भी है. रेलवे पुल पर हमले वाली जगह के पास अब तक पुलिस को छह अज्ञात शव मिले हैं.
बलूचिस्तान प्रांत में कई साल से विद्रोह चल रहा है, वहां कई सशस्त्र समूह मौजूद हैं.
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, मानवाधिकार समूहों ने बलूचिस्तान आंदोलन के प्रति पाकिस्तान की प्रतिक्रिया की निंदा की है, जिसमें जबरन लोगों को गायब करना और दमन के अन्य रूप शामिल हैं.
पंजाब प्रांत को जोड़ने वाले राजमार्ग पर हमले से पहले बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने लोगों को राजमार्गों से दूर रहने की चेतावनी दी थी. एक बयान में समूह ने दावा किया कि उसके लड़ाकों ने सादी वर्दी में यात्रा कर रहे सैन्यकर्मियों को निशाना बनाया, जिन्हें पहचाने जाने के बाद गोली मार दी गई.
हालांकि, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा कि मारे गए लोग निर्दोष नागरिक थे. घायलों को डेरा गाजी खान के एक अस्पताल में ले जाया गया, जो सबसे नजदीकी अस्पताल है.
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने अलग-अलग बयानों में मुसाखाइल हमले को ‘बर्बर’ बताया और कहा कि हमलावर बच नहीं पाएंगे.
पंजाब सरकार की प्रवक्ता उज्मा बुखारी ने हमलों की निंदा करते हुए इसे ‘गंभीर चिंता का विषय’ बताया और बलूचिस्तान सरकार से बीएलए आतंकवादियों को खत्म करने का आह्वान किया. बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने भी वादा किया कि हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. स्थानीय मीडिया के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पूरे प्रांत में सुरक्षा बलों ने 12 विद्रोही लड़ाकों को मार गिराया है.
सीएम बुगती ने राज्य से आतंकवाद के खतरे को जड़ से खत्म करने का संकल्प दोहराया है. आज क्वेटा में सहयोगी दलों के प्रतिनिधियों के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद की घटनाओं पर कभी चुप नहीं बैठेंगे और इसे रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे.
उन्होंने हाल ही में हुई आतंकी घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि आज से हम सहानुभूति बटोरने के लिए दुष्प्रचार के साधनों पर ध्यान नहीं देंगे और देश की शांति को बिगाड़ने में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें अलग-अलग तरीकों से सहानुभूति बटोरने के बाद दुष्प्रचार के जरिये सरकार को बदनाम कर रही हैं. शांति को बिगाड़ने वालों के लिए नरम रुख रखने वाली सभी राजनीतिक ताकतों को पुनर्विचार करना चाहिए.
बलूचिस्तान में पहले भी इसी तरह के हमलों की जिम्मेदारी बीएलए ने ली है. मई में ग्वादर में 7 नाइयों की हत्या या अप्रैल में हाईवे से कई लोगों को अगवा कर उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली थी. बलूचिस्तान में बीएलए जैसे सशस्त्र समूहों का मकसद अलगाववाद है, जो अक्सर पंजाब से काम करने के लिए आने वाले मजदूरों को निशाना बनाते हैं.
BLA ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसे उन्होंने ‘हरुफ’ या ‘अंधेरा तूफान’ कहा है. ये हमले सोमवार (26 अगस्त) को हुए, जो बलोच राष्ट्रवादी नेता अकबर बुगती की पुण्यतिथि है, जिन्हें 2006 में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मार डाला था.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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