कोलकाता– पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के सुर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति कुछ ज़्यादा ही नर्म हैं.उन्होंने ये जताने की कोशिश की कि पीएम मोदी से उन्हें कोई बैर नहीं है. सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई जब दीदी यानि ममता ने कहा कि पीएम CBI औऱ ED का गलत इस्तेमाल नहींं करते हैं. उन्होने कहा कि, सीबीआई औऱ ईडी की छापेमारी के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं हैं,बल्कि पार्टी के कुछ नेता हैं.
ये बातें ममता बनर्जी ने विधानसभा में केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव के दौरान कहीं.”विधानसभा में निंदा प्रस्ताव 64 के मुकाबले 189 मतों से पास हो गया.ज़ाहिर है किसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है.लेकिन प्रधानमंत्री के प्रति ममता बनर्जी के सुर जिस प्रकार बदले हैं वह आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीबीआई ने 109 मामले दर्ज किए हैं. कानून के तहत केवल 50 केस दर्ज हैं. मुझे यकीन नहीं होता कि नरेंद्र मोदी ये सब कर रहे हैं. हां, बीजेपी कुछ नेता हैं, जो हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हैं.आपको याद होगा कि ममता बनर्जी इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ भी कर चुकी हैं.तब उन्होंने कहा था कि कुछ एक को छोड़कर संघ के सभी पदाधिकारी खराब नहीं हैं.उस वक्त असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने उनकी आलोचना की थी.
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत दी है.उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी को संभालें.पार्टी और सरकार को एक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी, अपने पार्टी को नेताओं संभालें. ममता बनर्जी कहा कि नारदा- शारदा में टीएमसी के कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई. विरोधी दल के नेता के घर में कितनी छापेमारी हुई? ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी को चुनौती देते हुए कहा कि एक आरोप साबित करें. एक आरोप साबित करके दिखा दें. मैं चुनौती देती हूं. आप मुझे 24 घंटे का समय दें, हमारे हाथ में ईडी और सीबीआई का नेतृत्व दें, मैं दिखाऊंगी कि पैसे कहां से और कितनी नकदी निकलती है.बीजेपी नेताओं के यहां भी नोटों के पहाड़ मिल जाएंगे.बीजेपी नेता वाशिंग मशीन में धुले हुए नहीं हैं.
असल में ममता बनर्जी की घबराहट के पीछे कई कारण हैं. उन्होंने कहा है कि नारदा-शारदा घोटाला मामले में उनके नेताओं के यहां छापे पड़े.पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में उनके कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई.सबसे बड़ा केस तो उनकी सरकार में मंत्री रहे पार्थ चैटर्जी का था.इस केस में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी जेल में हैं.ममता बनर्जी ने तो पार्थ चटर्जी का फोन तक उठाना बद कर दिया.इस मामले में उन्होंने यहां तक कहा कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं.लेकिन जैसे ही 1100 करोड़ के कोयला तस्करी घोटाले की फइल खुली वैसे ही ममता बनर्जी के सुर बदल गये,क्योंकि इस केस में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी के खिलाफ पूछताछ शुरू हो गयी.इस केस में अभिषेक बनर्जी की भाभी को भी ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया.अभिषेक बनर्जी पार्टी के महासचिव भी हैं.इन सबके बीच ममता बनर्जी के खासमखास रहे अणुब्रोत मंडल के यहां भी सीबीआई की रेड पड़ चुकी है.अणुब्रोत मंडल को गायों की तस्करी के मामले में पकड़ा गया.उसके खिलाफ सीबीआई ने 2017 में केस दर्ज किया था लेकिन कार्रवाई अब जाकर हुई.यही कारण है कि ममता बनर्जी बैकफुट पर हैं
-भारत एक्सप्रेस
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