UPSC के लिए लोकप्रिय कोचिंग सेंटर ‘दृष्टि IAS’ के डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति विवादों में घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह माता सीता की तुलना कुत्ते के चाटे हुए घी से कर रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोग भड़क उठे हैं और ट्विटर पर #BanDrishtiIAS टॉप ट्रेंड कर रहा है. लोगों का कहना है कि दिव्यकीर्ति की टिप्पणी हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाली है.
लेकिन, सोशल मीडिया पर इसके जवाब में एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें विकास दीव्यकीर्ति लंका विजय के बाद भगवान राम और माता सीता के बीच संवाद का जिक्र कर रहे हैं. इसका संदर्भ मूल रूप से संस्कृत में लिखी रामायण का है.
हम यहां दोनों पक्षों का जिक्र करेंगे. लेकिन, यह मामला सोशल मीडिया में कैसे ज्वलंत बना उसके बारे में भी आपको बताते हैं. अधूरा क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हंगामा तब और मचा जब साध्वी प्राची ने अपने ट्विटर हैंडल से विकास दिव्यकीर्ति पर हमला बोला और वीडियो क्लिप को हिंदुत्व का अपमान बताया.
साध्वी प्राची के अलावा और लोगों ने भी विकास दिव्यकीर्ति का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर चलाया और सनातन धर्म की तौहीन करार दिया.
वहीं, कुछ लोगों ने विकास दिव्यकीर्ति के समर्थन में भी ट्विट करना शुरू किया और उनके अधूरे क्लिप का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. जिसमें, विकास दिव्यकीर्ति लंका विजय के बाद भगवान राम और माता सीता के बीच संवाद का जिक्र कर रहे हैं. जिसका हवाला संस्कृत में लिखी वाल्मिकी रामायण के एक श्लोक का दिया गया है.
सोशल मीडिया पर संस्कृत के उस श्लोक का स्क्रीन शॉट भी लोगों ने पेश किया जिसका जिक्र विकास दिव्यकीर्ति कर रहे हैं. बचाव में उतरे लोगों ने अनुरोध किया कि अधूरे क्लिप के आधार पर किसी पर कींचड़ उछालना सही नहीं है.
सोशल मीडिया पर IAS की कोचिंग पढ़ाने वाले डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति के पक्ष और खिलाफ दोनों में दलीलें चल रही हैं. हालांकि, खबर लिखे जाने तक आधिकारिक तौर पर न तो विकास दिव्यकीर्ति और न ही कोचिंग संस्थान ‘दृष्टि IAS’ की ओर से कोई सफाई आई है.
कौन हैं विकास दिव्यकीर्ति
डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि IAS के फाउंडर हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी में टीचर के रूप में करियर की शुरुआत करने वाले दिव्यकीर्ति ने यूपीएससी परीक्षा पास की. इन्होंने 1996 में अपने पहले ही प्रयास में UPSC पास कर लिया था. इसके बाद IAS अधिकारी के तौर पर गृह मंत्रालय में काम किया. लेकिन, मन नहीं लगने के चलते IAS अधिकारी की नौकरी से इस्तीफा दिया और अध्यापन का काम शुरू कर दिया.
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