अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 10 नवंबर की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप के झटके तकारीबन सुबह 2.29 बजे महसूस किए गए है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी दर्ज की गई है. हालांकि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप से किसी जान-माल के हानि की जानकारी नहीं दी है.
सामान्यत: ऊपर से शांत दिखने वाली धरती के भीतर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है. धरती के अंदर मौजूद प्लेटें आपस में टकराती रहती हैं जिसके चलते हर साल भूकंप होते हैं. भूकंप का साइंस समझने से पहले हमें धरती के नीचे मौजूद प्लेटों की संरचना को समझना पड़ेगा. हमारी धरती के अंदर 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर मौजूद है. इन प्लेटों के टकराने पर ऊर्जा निकलती है, उस ऊर्जा से भूकंप उत्पन्न होता है.
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी की श्रेणी में रखा गया है अधिकांश तौर पर ये भूकंप महसूस नहीं किए जाते. रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना होती रहती हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन होते रहते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते हैं. वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले कहे जाते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन इनसे कोई नुकसान नहीं होता है.
4.0 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप लाइट कैटेगरी में आते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं. इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं. हालांकि कोई नुकसान नहीं होता है.
-भारत एक्सप्रेस
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