रविकांत शर्मा
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में कुछ पुलिसकर्मियों की कारगुजारी ने एक शख्स को थाने में भूखे पेट मरने पर मजबूर कर दिया. एक शख्स जो किसी मामले में बतौर गवाह थाने ले जाया गया था, उसके परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उसे रात भर थाने में भूखा रखा. हालत बिगड़ने पर सुबह उसने दम तोड़ दिया.
इस मामले में अब एसएसपी ने पुलिस इंस्पेक्टर (थाना प्रभारी निरीक्षक) और मुंशी को निलंबित करा दिया है. और, मामले की जांच की जा रही है. संवाददाता ने बताया कि यह घटना निधौली कला थाना क्षेत्र की है. वहां गांव दलशाहपुर मे दो पक्षों में हुए झगड़े के बाद पुलिस वादी पक्ष और आरोपित को थाने ले गई थी. उनमें एक शख्स, जिसका नाम राकेश था, उसने सुबह दम तोड़ दिया.
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि दो पक्षों में विवाद 5000 रुपए के लेन-देन को लेकर शुरू हुआ था. गांव दलशाहपुर के रहने वाले देवेंद्र सैनी और हुसैन बैंड बाजा में काम करते हैं. दोनों के बीच 5000 रुपए के लेनदेन को लेकर विवाद था. दोनों के बीच रविवार शाम कहासुनी हो गई और झगड़ा होने लगा. बताया जाता है कि हुसैन ने देवेंद्र की नाक पर मुक्का मारा था. जख्मी देवेंद्र ने डायल—112 पर फोन किया, जिससे पुलिस मौके पर पहुंच गई.
पुलिस देवेंद्र और हुसैन तथा घटना के गवाह राकेश को रात में ही 10:30 बजे थाने ले गई. तीनों लोगों को पुलिस ने रात भर थाने में ही रखा. जबकि दो लोग वादी पक्ष के थे. सोमवार को 11 बजे देवेंद्र की पत्नी अपने स्वजन को लेकर थाने पहुंची, उन्होंने देखा कि राकेश चक्कर गिर पड़े.
पुलिस का कहना है कि तत्काल ही राकेश को स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया था. हालांकि, उसकी हालात और अधिक बिगड़ गई और वहां से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने राकेश को मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति रही.
घटना के बाद देवेंद्र ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि रात को खाना नहीं दिया गया. भूख के कारण राकेश को चक्कर आया और उसकी मृत्यु हो गई. इस लापरवाही पर एसएसपी राजेश सिंह ने निधौली कला थाना प्रभारी निरीक्षक जेपी अशोक और मुंशी को निलंबित कर दिया.
एसएसपी राजेश सिंह ने कहा कि गर्मी अधिक थी और रात को बताया गया है कि थाने लाए गए लोगों को खाना नहीं दिया गया था. इस कारण राकेश को चक्कर आया और उसकी मौत हो गई. इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है. अगर और भी कोई पुलिसकर्मी दोषी होगा तो उसके विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
थाने लाए गए गवाह की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि वादी पक्ष को आखिर रात में थाने में क्यों रोका गया. गवाह को पकड़कर थाने लाने की क्या आवश्यकता थी. रात के समय ही मुकदमा क्यों दर्ज नहीं किया गया. सुबह एनसीआर दर्ज की गई है. प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में इतनी देरी क्यों की गई? मृतक के परिवार का कहना तो यहां तक है कि थाने में ही राकेश की मौत हो गई थी.
— भारत एक्सप्रेस
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