बिहार (Bihar) के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD/राजद) के वरिष्ठ नेता श्याम रजक (Shyam Rajak) ने गुरुवार (22 अगस्त) को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफा भेजा. श्याम रजक ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिये दी.
श्याम रजक ने कहा कि इस्तीफा देने के बाद मेरे पास दो ही विकल्प हैं. पहला मैं अपने विजन को मंजिल तक पहुंचाने के लिए किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़कर काम करूं और दूसरा राजनीति से संन्यास ले लूं.
उन्होंने अपने त्याग-पत्र को लेकर शायराना अंदाज में कहा, ‘मैं शतरंज का शौकीन नहीं था तो मैं धोखा खा गया. वह मोहरा चल रहे थे, मैं रिश्ता निभा रहा था. मैं मोहरा को रिश्ता समझ रहा था, वह रिश्ते को मोहरा समझ रहे थे.’
शतरंज के सवाल पर श्याम रजक ने कहा, ‘जो शतरंज खेलना जानता है, वो शौकीन है. मैंने शतरंज कभी नहीं खेला है. सब आप लोगों को जानकारी है. सब आप लोग जानते हैं. आप बिहार को समझते हैं. सभी दलों को समझते हैं. बिहार की जनता को समझते हैं. कहां, कौन किसको धोखा दे रहा है, आपसे ज्यादा कौन बेहतर जानेगा?’
जनता दल यूनाइटेड (JDU/जदयू) से जुड़ने के सवाल पर श्याम रजक ने कहा, ‘इस्तीफा देने के बाद मेरे सामने द्वार खुले हैं. मैं सोचूंगा, लोगों से राय लूंगा और उसके बाद ही निर्णय लूंगा कि आगे क्या करना है.’
श्याम रजक ने कहा कि आरजेडी के निर्माण में भी मैं साथ रहा और पार्टी के नजदीक भी रहा. सब समय-समय की बात है. पहले कांग्रेस कहां थी और आज कहां है, भारतीय जनता पार्टी पहले कहां थी, अब कहां है, समय के अनुसार सब चीज बदलती है.
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इससे पहले श्याम रजक ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पार्टी से इस्तीफा देते हुए अपना दर्द बयां किया और पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर लिखा, ‘आज राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव एवं दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा.’
श्याम रजक ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव को भेजे पत्र में लिखा, ‘मैं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव एवं दल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं. मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया. आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.’
रजक 2010-15 और 2019-20 तक मंत्री रहे. 2009 में उन्होंने आरजेडी छोड़ दी और जेडीयू में शामिल हो गए. अगस्त 2020 में उद्योग मंत्री रहते हुए रजक आरजेडी में शामिल हुए थे. उन्हें उम्मीद थी कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी फुलवारी शरीफ से टिकट देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
रजक ने आरजेडी छोड़ने का कारण नहीं बताया. माना जा रहा है कि वह आरजेडी में कोई बड़ा पद न मिलने और 2020 में विधानसभा चुनाव न लड़ पाने से नाराज थे. उनकी फुलवारी शरीफ सीट (आरक्षित) आरजेडी की सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन को दे दी गई, जिसके गोपाल रविदास ने सीट जीत ली थी.
2020 के चुनाव परिणाम के बाद श्याम रजक को उम्मीद थी कि उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा. उनकी यह उम्मीद भी टूट गई थी. आरजेडी ने मुन्नी रजक को विधान परिषद का सदस्य बना दिया था. रजक 2024 का राष्ट्रीय चुनाव समस्तीपुर से लड़ने के भी इच्छुक थे, लेकिन यह सीट कांग्रेस को आवंटित कर दी गई.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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