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कंपनी के 30 साल पूरे होने पर गौतम अडानी ने शेयर होल्डर्स के नाम जारी किया संदेश, बोले- ये अविश्वसनीय यात्रा का जश्न मनाने का समय

Annual General Meeting: अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने अडानी एंटरप्राइजेज की एनुअल जनरल मीटिंग को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कंपनी के शेयर होल्डर्स के नाम एक संदेश दिया. गौतम अडानी ने कहा कि आपको बताते हुए मुझे ख़ुशी हो रही है कि हमारी यात्रा को 30 साल पूरे हो चुके हैं और इसलिए यह साल हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. 1994 में अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ के मामूली आईपीओ से लेकर हमने जिन चुनौतियों का सामना किया और जो सफलताएं हमने हासिल की हैं. यह उस अविश्वसनीय यात्रा का जश्न मनाने का समय है.

मेरे विचार में, हमारी सफलता को हमारी उपलब्धियों से कम और विपरीत परिस्थितियों में दृढ़ता से खड़े रहने की हमारी क्षमता में अधिक नापा जाना चाहिए. अपने बारे में ही बात करूँ तो, मैंने अपनी शिक्षा अपनी मां से ली. बनासकांठा के रेगिस्तानों में मैने अपना बचपन गुजारा और अपनी माँ से सीखा कि सच्ची ताकत दृढ़ता में होती है. यह दृढ़ता ही है जिसने हमें देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बनने में सक्षम बनाया है. लेकिन पिछले साल हमने इसे और बेहतर तरीके से प्रदर्शित किया.

हमें एक विदेशी शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसने हमारी दशकों की कड़ी मेहनत पर सवाल उठाया. हमारी अखंडता और प्रतिष्ठा पर हुए इस हमले का सामना करते हुए, हमने मुकाबला किया और साबित कर दिया कि कोई भी चुनौती उस नींव को कमजोर नहीं कर सकती जिस पर आपका यह समूह स्थापित हुआ है.

हमारी बुनियाद हमारे तीन मूल मूल्यों , झेलने का साहस, अपनी क्षमताओं पर भरोसा और अपने उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता पर टिकी है. यह मूल्य 2012 में बनाए गए थे और हर गुजरते साल के साथ और अधिक प्रासंगिक होते गए हैं.

आमतौर पर शॉर्ट सेलर्स फाइनेंशियल मार्केट पर टारगेट गेन्स का लक्ष्य रखते हैं. यह दोतरफा हमला था जिसमें हमारी फाइनेंशियल सिचुएशन की आलोचना की गई, साथ ही एक इन्फॉर्मेशन डिस्टॉरशन कैंपेन के जरिये हमें राजनीति में खींचा गया. यह हमला हमारे फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर के समापन से दो दिन पहले एक सोची समझी चाल थी. जिसमें मीडिया के एक वर्ग द्वारा हमें बदनाम करने, हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने और मेहनत से कमाई हमारी मार्केट वैल्यू को ख़त्म करने की साजिश की गई.

विरोध को देखते हुए, हमने भारत के अब तक के सबसे बड़े एफपीओ के माध्यम से सफलतापूर्वक 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के बावजूद, उस रकम को वापस करने का असाधारण निर्णय लिया. यह हमारे निवेशकों के प्रति हमारे समर्पण और एथिकल बिज़नेस प्रैक्टिसेज के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

इस स्थिति में, जहां अधिकांश कंपनियाँ डूब गई होंगी, हमारी लिक्विडिटी हमारी सबसे बड़ी एसेट बन गई. अपने कैश रिज़र्व को और बढ़ाने के लिए, हमने अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये जुटाए, जिससे हमारे कर्ज की भरपाई को अगले दो सालों में आसानी से कवर किया जा सके. यह निर्णायक कार्रवाई कंपनी की ताकत का प्रमाण बनी. साथ ही मार्केट का भी हमारे प्रति विश्वास बढ़ा और हमने मार्जिन-लिंक्ड फाइनेंसिंग में 17,500 करोड़ रुपये का पहले से ही भुगतान करके किसी भी अस्थिरता के खिलाफ अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखा.

इसके अलावा, कर्ज की भरपाई के दौरान, हमने केवल छह महीनों में अपने कर्ज और एबिटडा अनुपात को 2.5 गुना तक कम करने का निर्णय लिया. अब यह और भी कम होकर 2.2 गुना पर आ गया है. इस दृष्टिकोण ने न केवल हमारी फाइनेंशियल फ्लैक्सिबिलिटी को बढ़ाया,बल्कि भविष्य में विस्तार के लिए हमारी गुंजाइश भी बढ़ा दी है.

हमले के ख़िलाफ़ हमारे रुख की पुष्टि तब हुई जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे कार्यों की पुष्टि की. इसके अलावा, ऑपरेशनल एक्सीलेंस और ट्रांसपेरेंट डिस्क्लोजर के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को न केवल रेटिंग एजेंसियों और फाइनेंशियल कम्युनिटी द्वारा, बल्कि जीक्यूजी पार्टनर्स, टोटलएनर्जीज़, आईएचसी, क्यूआईए और यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन जैसे ग्लोबल इन्वेस्टर्स द्वारा भी मान्य किया गया , साथ ही इन इन्वेस्टर्स ने हमारे साथ निवेश करने का निर्णय भी लिया. जहां प्रतिकूल स्थितियों ने हमारी परीक्षा ली, वहीं विपरीत परिस्थितियों ने हमें और भी मजबूत बनाया.

आज दुनिया एक ऐसे चौराहे पर खड़ी है, जहाँ जियोपॉलिटिकल टेंशन, ग्लोबल रिलेशनशिप को तनावपूर्ण बनाते हैं, क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई अधिक चुनौतीपूर्ण होती जा रही है, और टेक्नोलॉजीकल चेंज हमारे जीने और काम करने के तरीके को बदल रहे हैं.

इस अनिश्चितता में भी भारत विकास कर रहा है. यह भारत का समय है, हम एक उलझी हुई दुनिया में स्थिरता, सहयोग और प्रगति का सूचक बन रहे हैं. यह भारत की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और महत्वाकांक्षी विकास योजनाएं हैं जो हमारे आत्मविश्वास को बढ़ा रही हैं.

इन योजनाओं के प्रभाव को देखते हुए, भारत सरकार ने इस फाइनेंशियल ईयर के लिए अपनी फंडिंग को 16% बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक करके, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित किया है. आपको मैं यह भी बता दूँ कि पिछले 5 सालों में भारत सरकार का वार्षिक खर्च तीन गुना हो गया है.

इससे भी अधिक प्रासंगिक बात यह है कि, जब भी नेशनल नैरेटिव इंफ्रास्ट्रक्चर के खर्च के लिए प्रस्ताव देती है तो फंडिंग और एक्शन का बड़ा हिस्सा राज्य स्तर पर होता है. हमारे मामले में, 24 राज्यों में फैले हमारे ऑपरेशन के साथ, हम योजनाओं को लागू करने में राज्य सरकारों के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि 2023 में हमारी रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धियाँ, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ मेल खाती हमारी बेजोड़ विशेषज्ञता, जटिल और बड़े पैमाने के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की हमारी क्षमता को दर्शाती हैं.

मैं आपको खावड़ा के बारे में बताना चाहता हूँ, जो दुनिया के सबसे जटिल रेगिस्तानों में से एक में स्थित है और अब कई सौ वर्ग किलोमीटर में फैले दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी प्रतिष्ठान में से एक है. पहले से ही 3,000 मेगावॉट क्लीन एनर्जी का उत्पादन कर रहा है, और अगले पांच सालों में हमारा लक्ष्य 30 गीगावॉट क्षमता विकसित करना है. यह बेल्जियम और स्विट्जरलैंड जैसे देशों को शक्ति देने के लिए पर्याप्त होगा. हमारे लिए, खावड़ा पार्क स्थिरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है.

इसके अलावा, मुंबई के धारावी में दुनिया की सबसे बड़े रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की कल्पना के साथ हम अगले दशक में दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती को बदल देंगे. यह न सिर्फ दस लाख से अधिक निवासियों को सम्मान से यहाँ रहने की अनुमति प्रदान करेगा, बल्कि मुंबई के केंद्र में स्थायी जीवन और इनोवेशन के एक यूनिक इको सिस्टम की स्थापना भी करेगा.

वहीं, दृष्टि 10 स्टारलाइनर यूएवी की कल्पना भारतीय इनोवेशन को दर्शाता है, जो आसमान में उड़ान के साथ हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करता है. सिर्फ मशीनें ही नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और कल्याण के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं.

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बड़े प्रोजेक्ट्स की अवधारणा बनाने, जटिलता को प्रबंधित करने और निष्पादित करने की हमारी क्षमता एक बेजोड़ कौशल है, जिसमें हम लगातार सुधार कर रहे हैं. और परिणाम हमारे द्वारा दिए गए वित्तीय आँकड़ों में प्रदर्शित होते हैं.

वर्ष 2023-24 में हमने एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की. हमने अपना उच्चतम एबिट्डा 82,917 करोड़ रुपए दर्ज किया, यह लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. यह 45% की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है.

इस अविश्वसनीय प्रदर्शन ने हमारे पीएटी को 40,129 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँचा दिया, जो 71% की पर्याप्त वृद्धि को दर्शाता है.

विगत वर्ष के दौरान हमारा शुद्ध ऋण बनाम एबिट्डा 3.3 गुना से घटकर 2.2 गुना हो गया.
और इन सबके परिणामस्वरूप ग्रुप के लिए 59,791 करोड़ रुपए के नकद शेष के साथ तरलता का सर्वकालिक उच्च स्तर दर्ज किया गया.

इन मेट्रिक्स ने न सिर्फ हमारे अत्यधिक स्थिर इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म को प्रदर्शित किया, बल्कि रेटिंग और आउटलुक अपग्रेड की एक श्रृंखला को भी इजात किया. हमारी तीन पोर्टफोलियो कम्पनीज़: अंबुजा, एसीसी और एपीएसईज़ेड अब एएए रेटेड हैं.

अब मैं हमारी कुछ पोर्टफोलियो कंपनियों के विशिष्ट प्रदर्शन पर प्रकाश डालना चाहता हूँ.

हमारे ग्रुप के विकास इंजन, अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ का वर्ष उत्कृष्ट रहा. हमारे एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 88.6 मिलियन तक पहुँच गई. माननीय प्रधान मंत्री द्वारा लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जो नए और उन्नत टर्मिनल 3 का उद्घाटन किया गया है, उसे लेकर हम काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

एईएल पोर्टफोलियो के तहत मुंद्रा में एक अभिनव प्रोजेक्ट्स, कच्छ कॉपर लिमिटेड ने अपनी नई कॉपर रिफाइनरी में परिचालन शुरू किया. इस दशक के अंत तक, हम इसे प्रति वर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन की क्षमता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा एकल-स्थान तांबा स्मेल्टर बनाने की योजना बना रहे हैं, जिससे प्रमुख उद्योगों के लिए इस महत्वपूर्ण धातु पर भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा.

अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने भी एक असाधारण वर्ष का अनुभव करते हुए, 400 एमएमटी कार्गो से अधिक पार कर लिया है और रिकॉर्ड 420 एमएमटी का संचालन किया है. हमारे दस पोर्ट्स ने अब तक का उच्चतम कार्गो वॉल्यूम दर्ज किया है. हमने गोपालपुर और कराईकल पोर्ट्स का भी अधिग्रहण किया और भारत के प्रमुख पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया.

रिन्यूएबल एनर्जी की विकास क्षमता को देखते हुए, अदाणी ग्रीन एनर्जी ने वित्त वर्ष 2029-30 के लक्ष्य को 45 गीगावॉट से संशोधित कर 50 गीगावॉट कर दिया है. सालभर में, हमने भारत की कुल रिन्यूएबल क्षमता वृद्धि का 15%, 2.8 गीगावॉट जोड़ा हैं. खावदा में दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट में 12 महीनों के भीतर पहले 2 गीगावॉट के चालू होने ने एक रिकॉर्ड बनाया, यह हमारी निष्पादन क्षमताओं को दर्शाने एक और प्रमाण है.

चलिए हमारे ऑपरेशन से जुड़े कुछ और मुख्य बिंदुओं का उल्लेख करते हैं.

अदाणी पावर की ऑपरेटिंग क्षमता 12% बढ़कर 15,250 मेगावॉट हो गई है, जिसमें गोड्डा में 1,600 मेगावॉट के ट्रांस-नेशनल अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट को चालू किया गया है. यह भारत का पहला पावर प्लांट है जो अपनी सारी बिजली पड़ोसी देश को निर्यात करता है.

अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने दो 765 केवी लाइनों सहित बेहद महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर को चालू करना जारी रखा. हमारी ट्रांसमिशन ऑर्डर बुक 17,000 करोड़ रुपये और हमारी स्मार्ट मीटरिंग ऑर्डर बुक 228 लाख यूनिट तक बढ़ गई है.

अदाणी टोटल गैस ने अपने सीएनजी स्टेशनों का विस्तार कर 900 स्टेशनों को पार कर लिया है, और पीएनजी कनेक्शन 8.45 लाख से बढ़कर 9.76 लाख कनेक्शन हो गए हैं. हमने भारत के सबसे बड़े बायोमास प्लांट्स में से एक, बरसाना में 606 ईवी चार्जिंग पॉइंट और पहले चरण को भी चालू किया है.

एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स और अन्य अधिग्रहणों के बाद, अदाणी समूह की संयुक्त सीमेंट क्षमता 67.5 एमटीपीए से बढ़कर 79 एमटीपीए हो गई है और अधिग्रहण के बाद से हमारा एबिटडा प्रति टन दोगुना से अधिक हो गया है. हम 2028 तक 140 एमटीपीए के अपने लक्ष्य की ओर अच्छी तरह से बढ़ रहे हैं.

हमें इस बात पर भी गर्व है कि अंबुजा सीमेंट भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल, 21.8 किलोमीटर लंबे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के लिए प्रमुख आपूर्तिकर्ता था.

हमारी मीडिया इकाई एनडीटीवी ने अपनी उपस्थिति क्षेत्रीय रूप से बढ़ाई और डिजिटल रूप से खुद को मजबूत बनाया है, ग्लोबल डिजिटल ट्रैफिक में 39% की वृद्धि हुई है. प्रोग्राम्स की क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए, हमने अत्याधुनिक नेक्स्ट जनरेशन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भी निवेश किया और मुंबई के बीकेसी और दिल्ली के एनसीआर में नई फैसिलिटीज जोड़ीं हैं.

अब मैं अदाणी फाउंडेशन की बात करूँ तो यहाँ हर आँकड़ा बदलाव की कहानी कहता है. वो कहानी जहाँ जिंदगियों को सहारा मिला है और पूरा समुदाय तरक्की कर पाया है. मिलजुलकर जो कुछ हमने हासिल किया है, उसके लिए मैं शुक्रगुज़ार हूँ. ये हमारी कोशिश है कि इस दुनिया पर कोई छोटा सा लेकिन सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकें.

मैं कुछ ऐसी पहलों का उल्लेख करना चाहता हूं, जिनपर मैं खुद गर्व महसूस करता हूं.

– अदाणी फाउंडेशन की कुल पहुंच अब 19 राज्यों के 6,769 गांवों में 9.1 मिलियन व्यक्तियों तक पहुंच गई है.

– अदाणी सक्षम स्किल डेवलपमेंट पहल के माध्यम से, हमने 1,69,000 युवाओं को आवश्यक स्किल प्रदान करके उन्हें एक उज्जवल भविष्य हासिल करने और संभावित रूप से उद्यमी बनने में मदद की है.

– स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम, जिनमें हमारी मोबाइल हेल्थ केयर यूनिट्स और कैम्प्स शामिल हैं, ने 2 मिलियन लोगों के जीवन को छुआ है, जिससे कई दूरस्थ समुदायों को आवश्यक सेवाएं प्रदान की गई हैं.

– सुपोषण प्रोजेक्ट 4,14,000 महिलाओं और बच्चों तक पहुँचती है और आने वाली पीढ़ियों की नींव को मजबूत करने के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करती है.

हर शाम, मेरी पत्नी और अदाणी फाउंडेशन की अध्यक्ष, प्रीति, मुझे कम से कम एक ऐसी ज़िंदगी के बारे में कहानी सुनाती हैं, जिसे उनके काम से सकारात्मक रूप से प्रभावित किया गया है. ये कहानियां विनम्रता और प्रेरणा, दोनों के साथ जीवन को आगे बढ़ाने के सबक हैं.

मैं हमेशा सकारात्मक सोच रखने वाला रहा हूँ, और अब विदा लेते समय, मैं आपको आने वाले भविष्य की एक झलक दिखाना चाहता हूँ. भारत अब किसी निर्णय की दुविधा में नहीं है – बल्कि हम अपनी अब तक की सबसे बड़ी तरक्की के दरवाजे पर खड़े हैं. इस दशक के अंत तक, हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है. साथ ही, युवाओं की भरमार के कारण, हम दुनिया के अब तक के सबसे बड़े मध्यम वर्ग बनने की राह पर हैं. और अब जब सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में है, तो आपकी कंपनी आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिन्होंने पिछले दशक में हमारी शानदार यात्रा को गति दी है.

पिछले 10 सालों में, हमारी जीडीपी दोगुनी हो गई है. अब हमारी जीडीपी विकास दर 7% से भी ज्यादा है, हमारा शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, और खपत भी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है, जो मजबूत आर्थिक स्थिति का संकेत देता है, क्योंकि हमारा मध्यम वर्ग दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है. विकास की नींव मजबूत हो चुकी है और अगला दशक और भी बड़ी तरक्की का वादा करता है.

10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ते हुए, 2032 तक हमारे देश का इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च 20-25% की दर से बढ़ने का अनुमान है और यह कुल मिलाकर 2.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. इसे देखते हुए, क्योंकि हमारी कंपनी का मूल क्षेत्र ही इंफ्रास्ट्रक्चर है, तो आने वाले अवसरों का फायदा उठाने के लिए हमारी कंपनी सबसे बेहतर स्थिति में है.

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ऊर्जा के साथ-साथ डिजिटल बदलाव की तरफ बढ़ते हुए, रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाकर ग्रीन डेटा सेंटर्स की ज़रूरत है. यह आने वाले समय में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से चलने वाले डेटा सेंटर्स की बढ़ती संख्या, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल और स्वच्छ हवा के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में क्रांति लाने में मदद करेगा. इससे भारत अगले दशक में खरबों डॉलर के ऐसे बाजार खोल सकेगा, जिनका अभी पूरी तरह से फायदा नहीं उठाया गया है.

अब तक के सबसे बेहतरीन नतीजों, मजबूत नकदी स्थिति और सबसे कम ऋण अनुपात के साथ, हमारा आगे का रास्ता और भी बड़ी उपलब्धियों के वादे भरा हुआ है. हमारे सामने संभावनाएं अपार हैं. हम पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हैं. और हमारा सर्वश्रेष्ठ होना अभी बाकी है.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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