केंद्रीय बजट का स्वागत करते हुए गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली (जीजीएसआईपीयू) के कुलपति, पद्म श्री प्रोफेसर (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा कि शिक्षा, रोजगार, और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन ग्रामीण और मध्यम वर्ग को बेहतर भविष्य के सपने देखने में मदद करेगा. यह हमारे युवाओं को एक बेहतर करियर विकसित करने में बहुत मददगार साबित होगा और राष्ट्र को ‘अमृत काल’ की प्राप्ति जल्द ही कराने में सहायक साबित होगा.
शिक्षा पर बजट में वृद्धि निश्चित रूप से हमारे विश्वविद्यालय के प्रयासों को बढ़ावा देगी ताकि युवा अपनी उच्च शिक्षा के साथ-साथ कौशल भी विकसित कर सकें. कौशल निर्माण और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना हमारे विश्वविद्यालय की विशेषता रही है, और सरकार का यह निर्णय हमारे इस वर्ष कई कौशल पाठ्यक्रमों को शुरू करने के प्रयासों को बढ़ावा देगा.
अगले 5 वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए नई केंद्रीय प्रायोजित योजना ‘मेक इन इंडिया’ अवधारणा को साकार करने में मदद करेगी. यह हमारे मानव संसाधन को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा. मॉडल स्किलिंग लोन योजना का पुनरीक्षण, जिसके तहत 7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा होगी, कई वंचित युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा. इसके अलावा, घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए सरकारी सहायता कई और जरूरतमंद छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी.
पांच वर्षों में 1,000 आईटीआई का हब-एंड-स्पोक मॉडल पर उन्नयन कौशल विकास के प्रयासों को बढ़ावा देगा. प्रधानमंत्री का इंटर्नशिप कार्यक्रम हमारे ‘कुलपति इंटर्नशिप कार्यक्रम’ से मेल खाता है, जिसमें हम अपने छात्रों को एक न्यूनतम वजीफा देकर एंगेज करते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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