Aam Aadmi Party: अन्ना आंदोलन से निकली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 10 सालों का लंबा सफर तय कर लिया है. इस सफर के दौरान इसने दिल्ली से निकलकर दूसरे राज्यों में भी अपनी ताल ठोकी है. जहां दिल्ली और पंजाब में इसकी पूर्ण बहुमत की सरकार है, वहीं दूसरे राज्यों में भी चुनावों में इसके उम्मीदवारों के जीतने से इसका मनोबल बढ़ा हुआ है.
हाल ही में हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में इसका प्रदर्शन शानदार रहा. एमसीडी में जीत के बाद दोनों राज्यों हिमाचल और गुजरात विधानसभा के चुनावों में भी इसने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. हिमाचल विधानसभा चुनाव में जहां आप पार्टी का खाता नहीं खुल पाया, वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव में इसने पांच सीटें जीती हैं.
अब चुनाव आयोग के मानक के अनुसार आप पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है. इन 10 सालों में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) अलग-अलग राज्यों में अपनी पैठ बनाते हुए अब राष्ट्रीय पार्टियों के एलिट ग्रुप (Elite Group) में भी शामिल हो गई है. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद आइए जानते हैं आम आदमी पार्टी को क्या फायदा होने वाला है.
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद (Aam Aadmi Party) पार्टी के चुनाव चिह्न झाड़ू को अब स्थाई तौर पर मान्यता मिल जाएगी. आम आदमी पार्टी का पूरे देश में अब एक ही चुनाव चिह्न होगा. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अब बैलेट पेपर या ईवीएम मशीन में ऊपर नजर आ सकेंगे. देश की राजधानी दिल्ली में काबिज आम आदमी पार्टी को अब दिल्ली में अपनी पार्टी के लिए एक दफ्तर मिल सकेगा.
हर राज्य में मतदाता सूची पाने के लिए अब तक पार्टी को कुछ धन खर्च करना पड़ता था, लेकिन राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद आम आदमी पार्टी मुफ्त में मतदाता सूची पाने की अधिकारी होगी. आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय स्तर पर 40 स्टार प्रचारकों को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकती है.
इस दर्जे के बाद आम आदमी पार्टी को देश में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के चुनावों में आम लोगों को संबोधित करने के लिए रेडियो और टेलीविजन पर समय मिल सकेगा. राष्ट्रीय दर्जा वाली पार्टी के अध्यक्ष, सरकारी आवास पाने के लिए पात्र होते हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय दर्जा पाने वाली पार्टी को नामांकन पत्र में अब केवल एक प्रस्तावक की जरूरत रहेगी.
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