देश

खेती के लिए अच्छी खबर: इस साल 105% बारिश होने का अंदाजा, मौसम विभाग ने जारी किया मानसून अपडेट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 2025 के मानसून को लेकर एक सकारात्मक पूर्वानुमान जारी किया है. विभाग का कहना है कि इस वर्ष मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा, जिससे खेती, खाद्य उत्पादन और अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिल सकता है. इस बार अल नीनो की स्थिति बनने की संभावना भी नहीं है, जो देश के लिए राहत की बात है.

IMD के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि 2025 में मानसून सीजन के दौरान देश में सामान्य से 105% बारिश होने की संभावना है. इसका मतलब है कि देशभर में लगभग 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है. गौरतलब है कि भारत में जून से सितंबर के बीच 4 महीने का मानसून सीजन होता है, और इस दौरान औसतन 868.6 मिमी यानी 86.86 सेमी बारिश होती है, जिसे लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) कहा जाता है.

IMD 104% से 110% के बीच बारिश को ‘सामान्य से बेहतर’ मानता है. इस पूर्वानुमान के बाद यह साफ है कि देश के अधिकांश हिस्सों में इस बार अच्छी बारिश हो सकती है.

अल नीनो का प्रभाव नहीं, लेकिन गर्मी बढ़ेगी

मौसम विभाग ने यह भी बताया कि इस साल अल नीनो की स्थिति विकसित नहीं होगी. अल नीनो एक समुद्री जलवायु पैटर्न होता है, जिसमें समुद्र का तापमान औसतन 3-4 डिग्री बढ़ जाता है. इससे मानसून पर नकारात्मक असर पड़ता है और सूखे की स्थिति बन सकती है.

हालांकि, IMD प्रमुख ने यह भी चेतावनी दी कि मई और जून के दौरान देश के कई हिस्सों में हीटवेव यानी लू के दिन बढ़ सकते हैं. इससे बिजली की खपत और जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. सरकार और प्रशासन को इससे निपटने के लिए तैयारी करनी होगी.

52% खेती मानसून पर निर्भर

भारत में करीब 52% कृषि भूमि ऐसी है जो पूरी तरह मानसून की बारिश पर निर्भर करती है. देश की सालाना बारिश का करीब 70% हिस्सा जून से सितंबर के बीच ही बरसता है. खास बात यह है कि देश के 70-80% किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर रहते हैं.

अगर मानसून अच्छा रहता है तो खेती की लागत घटती है, फसल उत्पादन बढ़ता है और किसानों की आमदनी में इजाफा होता है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलता है और फेस्टिव सीजन से पहले खर्च करने की क्षमता में वृद्धि होती है, जो देश की समग्र आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाता है.

अच्छी बारिश का इकोनॉमी पर असर

भारत की जीडीपी में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 20% है और आधी से ज्यादा आबादी की रोजी-रोटी इसी पर निर्भर है. ऐसे में मानसून का बेहतर रहना केवल खेती के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद जरूरी होता है.

मानसून की विफलता से उत्पादन घटता है, महंगाई बढ़ती है और ग्रामीण मांग कम हो जाती है. वहीं अगर मानसून सामान्य से बेहतर होता है, तो खाद्यान्न की पैदावार अधिक होती है, जिससे महंगाई पर नियंत्रण रहता है और उपभोक्ता खर्च बढ़ता है.

IMD और स्काईमेट के पिछले अनुमान कितने सटीक रहे?

2019 से 2023 के बीच स्काईमेट का अनुमान केवल एक बार 2023 में सटीक रहा. उस वर्ष स्काईमेट ने 94% बारिश की भविष्यवाणी की थी, और उतनी ही बारिश हुई. वहीं IMD का अनुमान 2% कम रहा था. 2021 में भी IMD ने 98% बारिश का अनुमान लगाया था और वास्तविक बारिश 99% रही थी.

हालांकि 2019, 2020 और 2022 में दोनों एजेंसियों के अनुमान वास्तविक बारिश से या तो अधिक रहे या कम. इसके चलते हाल के वर्षों में पूर्वानुमानों की विश्वसनीयता पर सवाल भी उठते रहे हैं, लेकिन इस बार दोनों एजेंसियों का पूर्वानुमान आशावादी है.
एलपीए को भी किया गया अपडेट

केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने 2022 में देश में सामान्य बारिश के लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) को अपडेट किया. पहले यह 88 सेंटीमीटर था, जिसे घटाकर अब 87 सेंटीमीटर कर दिया गया है. 4% तक की घट-बढ़ को ‘सामान्य’ श्रेणी में गिना जाता है.

ये भी पढ़ें: बाल तस्करी के आरोपियों को जमानत देने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फटकारा, राज्यों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

-भारत एक्सप्रेस

Aarika Singh

Recent Posts

देश भर मे जारी परीक्षा परिणामों के बीच PM Modi ने कहा- ‘एक परीक्षा आपको परिभाषित नहीं कर सकती…आपकी यात्रा बहुत बड़ी है”

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने उन छात्रों को लेकर एक्स पर पोस्ट किया है जो…

2 minutes ago

Operation Sindoor से पाकिस्तान ही नहीं चीन को भी लगा तगड़ा झटका, चीनी डिफेंस कंपनी के शेयर 6 प्रतिशत से ज्यादा गिरे

'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान ही नहीं, चीन को भी बड़ा झटका लगा है. चीनी डिफेंस…

34 minutes ago

जिस एयरबेस को पाकिस्तान ने किया था ध्वस्त करने का दावा, पीएम मोदी ने उसी बेस पर पहुंचकर पाक को किया बेनकाब

पीएम मोदी की तस्वीरों ने पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया है कि आदमपुर एयरबेस…

1 hour ago

कर्मचारियों को पीपीई किट और प्रशिक्षण सुनिश्चित करें, बाड़ों की ड्यूटी रिस्क के अनुसार तय हो: मुख्यमंत्री

लखनऊ में बर्ड फ्लू (H5 एवियन इंफ्लुएंजा) की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ…

2 hours ago