UP News: पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई दे रही है. मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में जहां उनको हाल ही में रिहाई मिली थी. वहीं अब अपहरण के 22 वर्ष पुराने मामले में वह फंसते नजर आ रहे हैं. कोर्ट के आदेश के बावजूद वह न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न ही पुलिस उनको गिरफ्तार कर सकी. इस पर एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि ने पुलिस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए अमरमणि की सम्पत्ति को कुर्क करने का आदेश दे दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले को लेकर न्यायालय पुलिस पर तीखी टिप्पणी की है और कहा है कि पुलिस सामान्य गरीब अपराधियों के मामले में अपेक्षा से अधिक पैरवी करती नजर आती है, तो वहीं प्रभावशाली दुर्दांत अपराधियों के मामले में किंकर्तव्यविमूढ़ दिखती है. इसी के साथ कोर्ट ने अमरमणि के अधिवक्ता के उस प्रार्थना पत्र को भी निरस्त कर दिया है, जिसमें गिरफ्तारी आदेश को रोकने को लेकर याचना की गई थी. वन्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि के आदेश के बाद खबर सामने आ रही है कि मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद अमरमणि को अवसादग्रस्त बताया है.
रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने गोरखपुर जेल अधीक्षक को आदेश दिया था और अमरमणि को कोर्ट में उपस्थित करने के लिए कहा था लेकिन जेल अधीक्षक भी अमरमणि को हाजिर नहीं करा सके. इसके बाद न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक बस्ती गोपाल कृष्ण चौधरी को अमरमणि को गिरफ्तार कर एक नवंबर को न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया गया था, लेकिन एक नवम्बर को पुलिस गिरफ्तार कर प्रस्तुत नहीं कर सकी. इस सम्बंध में पुलिस ने न्यायालय को बताया कि अमरमणि के गोरखपुर, दक्षिणी हुमांयूपुर स्थित आवास 9-ए पर दबिश दी गई, लेकिन अमरमणि का कहीं कोई पता नहीं चला. इस पर कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त की और फिर पुलिस की कार्रवाई पर तल्ख टिप्पणी देते हुए पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली को आपत्तिजनक बताया.
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बता दें कि इस मामले में फरार तीन अन्य आरोपितों में शामिल अमेठी के जगदीशपुर के मंगौली गांव के शिवम शुक्ला उर्फ रामयज्ञा हाई कोर्ट का आदेश लेकर अदालत में हाजिर हुआ. कोर्ट ने 28 अक्टूबर 2023 को दिए अपने आदेश में आदेश की तिथि से तीन सप्ताह के लिए शिवम शुक्ला के विरुद्ध जारी गिरफ्तारी आदेश को सुसुप्ता अवस्था में कर दिया है. तो वहीं कोर्ट ने अब अगली तारीख 16 नवंबर तय की है.
बता दें कि अमरमणि को साल 2001 के मामले में वारंट जारी किया गया है. तत्कालीन समय में बस्ती कोतवाली क्षेत्र में व्यापारी धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. पुलिस ने अपह्रत छात्र राहुल को छह दिसंबर 2001 को तत्कालीन मंत्री अमरमणि के लखनऊ के आवास से बरामद किया था. इसके बाद बिजनेसमैन ने मामला दर्ज कराया था. इस मामले के नौ आरोपितों में से अमरमणि, नैनीष शर्मा, शिवम व शिवम शुक्ल उर्फ रामयज्ञा न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए हैं. इसी के बाद कोर्ट ने सख्त आदेश दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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