भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर ब्लूमबर्ग की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था अपनी विकास की गति को बनाए रखेगी. 26 अर्थशास्त्रियों की तरफ से किए गए सर्वेक्षण में में ये अनुमान लगाया गया है कि जनवरी से लेकर मार्च 2023 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.1 फीसदी रहने की संभावना है, जो पिछली तिमाही में 4.4 फीसदी थी. साथ ही पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी की दर 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
वहीं आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह कहा था कि 2022-23 में वृद्धि 7 प्रतिशत के आधिकारिक अनुमान से ज्यादा हो सकती है. भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था सात फीसदी के आंकड़े को पार सकती है. जो 7.1 फीसदी पर रहेगी. यह एनएसओ द्वारा जारी किए गए पहले से अनुमानों के आधार पर आंकड़े हैं. जिसमें आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने की संभावना जाहिर की गई थी.
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गौरतलब है कि आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह सीआईआई की हुई बैठक के दौरान ये कहा था कि तीसरी और चौथी तिमाही में वृद्धि दर 7 फीसदी से आगे बढ़ेगी. शुरू में यह तीसरी तिमाही में दिखाई दिया कि एक दबी हुई मांग थी जो आर्थिक गतिविधियों का समर्थन कर रही थी. लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही के संकेत बताते हैं कि आर्थिक गतिविधि में गति बनी हुई है. एक दबी हुई मांग थी जो आर्थिक गतिविधि का समर्थन कर रही थी. लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में सभी आर्थिक संकेतक बताते हैं कि आर्थिक गतिविधियों में गति बनी हुई है.
-भारत एक्सप्रेस
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