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GDP

FICCI) ने गुरुवार (16 जनवरी) को अनुमान लगाया कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.5-6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करेगी, जो इनफ्लेशन के दबाव में कमी, पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर निरंतर जोर और उपभोक्ता खर्च में तेजी के कारण होगी.

इंडस्ट्रियल बॉडी पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) ने चालू वित्त वर्ष में देश की GDP 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 26 में 7.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है.

कृषि और उससे जुड़े हुए सेक्टरों की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इस सेक्टरों में पिछले वित्त वर्ष में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

Tata Group Chairman N Chandrasekaran: एन चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत भले ही इस वर्ष थोड़ी मंदी का सामना कर रहा हो, लेकिन वह दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

Employment In India: भारत में 2024-25 में रोजगार सृजन की गति तेज़ी से बढ़ी है. अनौपचारिक और औपचारिक दोनों क्षेत्रों में रोजगार वृद्धि हुई, और बेहतर गुणवत्ता वाले रोजगार में भी सुधार हुआ है.

2023 में भारतीय स्टार्ट-अप्स ने देश की GDP में 35 अरब डॉलर का योगदान दिया है. यह नंबर 2047 तक बढ़कर 1.6 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है, जब भारत 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखता है

मास्टरकार्ड इकोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में भारत को सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में दर्शाया गया है. हमारी अनुमानित जीडीपी वृद्धि 6.6% और उपभोक्ता खर्च 2025 में 6.2% रहने का अनुमान है.

2025-26 और 2026-27 के लिए, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के GDP विकास पूर्वानुमान को क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत पर रखा, जो इसके पिछले अनुमानों से 20 आधार अंक (बीपीएस) कम है.

मूडीज रेटिंग्स के अनुसार, यह भी उम्मीद है कि अप्रैल-जून तिमाही में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी स्थिर गति बनाए रखेगी.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने कहा था कि भारत की विकास कहानी बरकरार है, क्योंकि इसके मूलभूत चालक - खपत और निवेश मांग - गति पकड़ रहे हैं.