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मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों ने मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायों (MSME) को सशक्त किया है. FASTag, UPI और MSME ऋण योजनाओं के जरिए दीर्घकालिक बचत और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया गया है.

दिसंबर 2024 के अंत में भारतीय बॉन्ड बाजार 2.69 ट्रिलियन डॉलर पर था, जबकि कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार 602 बिलियन डॉलर को पार कर गया.

भारतीय प्रवासी अब सिर्फ सॉफ्ट पावर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक ताकत भी बन रहे हैं. सफेदपोश एनआरआई की बढ़ती सफलता और विदेशों से आने वाले रेमिटेंस ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

RBI के ताजा बुलेटिन के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यापार तनाव और मुद्रास्फीति के बावजूद मजबूत प्रदर्शन दिखा रही है, जिससे दीर्घकालिक विकास की उम्मीदें बनी हुई हैं.

Goods Export: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत इस साल 800 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात करेगा. सरकार निर्यातकों के भविष्य को सुनिश्चित करने और देश के हितों की रक्षा करने में प्रतिबद्ध है.

जापानी कंपनी निप्पॉन पेंट भारत में अपने परिचालन और निर्यात विस्तार की योजना बना रही है, जिसे वह देश के "युवा लाभ" और बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते एक बड़े अवसर के रूप में देखती है.

भारतीय स्टार्टअप्स तेजी से विदेश से भारत लौट रहे हैं. बेहतर आईपीओ संभावनाएं, आसान नियम और मजबूत अर्थव्यवस्था इस रुझान को बढ़ा रहे हैं.

World Bank operations MD Anna Bjerde: भारत अपनी मजबूत आर्थिक नीतियों और वैश्विक व्यापार साझेदारियों के माध्यम से 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन सकता है, बशर्ते वह महिला श्रम बल में वृद्धि और उत्पादकता में सुधार करे.

एशिया के जॉब्स और टैलेंट प्लेटफॉर्म फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी और एमई) के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में फ्रेशर्स की नियुक्ति में साल-दर-साल आधार पर 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो प्रवेश स्तर की प्रतिभा के लिए नियोक्ता की निरंतर मांग को दर्शाता है.

जॉब सर्च प्लेटफॉर्म फाउंडइट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि फरवरी में फ्रेशर्स की भर्तियों में एक अलग ट्रेंड देखने को मिला. जहां नियोक्ता अब डिग्री की अपेक्षा स्किल्स, सर्टिफिकेशन और उद्योग विशेष स्किल को अधिक महत्व दे रहे हैं.