Global Transition To Net Zero: भारत अपने सस्टेनेबिलिटी (स्थिरता) के कमिटमेंट और तीव्र शहरीकरण के कारण ग्लोबल ट्रांजिशन से ‘नेट जीरो’ में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. देश में आवासीय और वाणिज्यिक अवसंरचना में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है, जो प्रतिवर्ष कई अरब वर्ग फुट में होती है. यह विस्तार एक ओर जहां संसाधन खपत और उत्सर्जन को बढ़ाता है, वहीं दूसरी ओर यह पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए सतत निर्माण कार्यों को अपनाने का एक बड़ा अवसर भी पेश कर रहा है.
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, वैश्विक स्तर पर बिल्डिंग सेक्टर लगभग 40% कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है, जिसमें से 76% उत्सर्जन ऑपरेशनल गतिविधियों से होता है. इसको ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में आयोजित 26वीं COP-26 कॉन्फ्रेंस में भारत द्वारा 2070 तक ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता का ऐलान किया था. इस दिशा में भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) ग्रीन और नेट जीरो बिल्डिंग्स के माध्यम से भारत की स्थिरता यात्रा (Sustainability Journey) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
देश में नेट जीरो मूवमेंट को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल बढ़ावा दे रहा है. इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC), CII (कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) का हिस्सा है, इसे वर्ष 2001 में स्थापित किया गया था और यह भारत में ग्रीन और नेट जीरो बिल्डिंग्स के प्रमोटर के रूप में अपनी पहचान बना चुका है.
इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से भारत को सस्टेनेबल और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बेहतर निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
भारत का यह कदम न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान करेगा, बल्कि देश के शहरी विकास को भी अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बनाएगा.
वर्ष 2021 में पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) के अवसर पर, भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) ने ‘नेट जीरो मिशन’ लॉन्च किया था. यह एक दृष्टिवादी पहल है, जिसका उद्देश्य 2050 तक भारत को दुनिया के सबसे बड़े नेट जीरो बिल्डिंग और बिल्ट एनवायरनमेंट में से एक बनाना है. IGBC ने नेट जीरो की दिशा में बदलाव को मार्गदर्शन देने के लिए कई नेट जीरो रेटिंग सिस्टम (एनर्जी, वॉटर, कचरा, लैंडफिल और कार्बन) स्थापित किए हैं.
IGBC भारत में 30 क्षेत्रीय शाखाओं के माध्यम से 130 से अधिक परियोजनाओं का मार्गदर्शन कर नेट जीरो मूवमेंट को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. चेन्नई में स्थित लार्सन एंड टुब्रो टेक्नोलॉजी सेंटर 4 भारत की पहली नेट जीरो कार्बन परियोजना है, जिसे IGBC द्वारा प्रमाणित किया गया है.
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