INS Vikrant: भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होना भारत के लिए गर्व का विषय रहा है. क्योंकि भारत की ओर दुश्मन की नजर रखने वालों को इसने करारा जवाब दिया है. हर देश जल, थल और वायु में अपनी सेना को शक्तिशाली बनाने में लगा हुआ है, ऐसे में भारत भी किसी मामले में पीछे नहीं है. यही वजह रही कि भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के बाद से ही चीन जैसे देश अपनी ताकत को बढ़ाने में लगे हुए हैं.
आईएनएस विक्रांत की पूर्ण विस्थापन क्षमता 45 हजार टन है. यह भारत में ही डिजाइन कर बनाया गया सबसे बड़ा विमान वाहक युद्धपोत है. कोचिन शिपयार्ड में बनाए गए आईएनएस विक्रांत की लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई करीब 203 मीटर है. 59 मीटर ऊंचे विक्रांत की बीम 62 मीटर की है. इस युद्धपोत में 14 डेक बनाए गए हैं और क्रू के 1700 से ज्यादा सदस्यों के लिए 2300 कंपार्टमेंट्स बनाए गए हैं.
विक्रांत की खास बात ये है कि इसमें महिला अधिकारियों के लिए अलग से केबिन तैयार किए गए हैं. साथ ही इसमें आईसीयू से लेकर चिकित्सा से जुड़ी सभी सेवाएं उपलब्ध हैं. विक्रांत में वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं. 262 मीटर लम्बा 203 फीट चौड़ा. ये 18 मंजिल ऊंचा जहाज है. इसे समुंदर की सीढ़ी भी कहा जाता है. इसमें 16 बेड की क्षमता वाला अस्पताल है. इसकी लागत. 20 हजार करोड़ रुपए है और इसे बनाने में 10 साल लगे. एक ऐसी मशीन है जो एक घंटे में 3 हजार रोटियां बना सकती है. 30 बड़े एयरक्राफ्ट और 1600 से अधिक क्रू मेम्बर भी सवार हो सकते हैं. ये बिना ईंधन भरे भारत से ब्राजील तक यात्रा कर सकता है.
INS विक्रांत एक बार में 30 लड़ाकू विमान ले जा सकता है. इनमें मिग-29 के फाइटर जेट्स, कामोव-31 अर्ली वॉर्निंग हेलिकॉप्टर, एमएच-60 आर सीहॉक मल्टीरोल हेलिकॉप्टर और एचएएल का एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं. नौसेना के लिए निर्मित स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एलसीए तेजस भी आईएनएस विक्रांत से आसानी से उड़ान भर सकता है. इसके इंजन 1.10 लाख हॉर्सपॉवर के हैं. बता दें कि विमान वाहक पोत की मदद से एक जगह पर खड़े किसी भी लड़ाकू विमान को गुलेल की तर्ज पर तेज झटके से उड़ाया जा सकता है. साथ ही हवा में उड़ रहे विमान को बिना किसी झटके के अचानक रोका भी जा सकता है.
आईएनएस विक्रांत का वजन करीब 40 हजार टन है. समुद्र में इसकी अधिकतम गति 28 नॉट्स प्रति घंटे तक है. यानी यह करीब 51 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से सागर में चल सकता है. वैसे इसकी सामान्य गति 18 नॉट्स यानी करीब 33 किमी प्रति घंटा तक है. यह विमान वाहक युद्धपोत एक बार में 7500 नॉटिकल मील (13,000 हजार किलोमीटर से ज्यादा) की दूरी तय कर सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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